जिस राफेल लड़ाकू विमान खरीद को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार पर दबाव बनाये हुए हैं, उसी राफेल का मसला अब फ्रांस में पहुँच गया है। खबर है कि वहां भ्रष्टाचार को लेकर काम करने वाली एक सामजिक संस्था (एनजीओ) ने भारत के साथ हुए राफेल विमान सौद्दे को लेकर फ़्रांस के फाइनेंशियल मामलों के प्रॉसिक्यूटर के पास पिछले महीने के आखिर में एक शिकायत दर्ज करवाई है। इस शिकायत में आशंका जताई गयी है कि राफेल विमान सौद्दे में कथित तौर पर भ्रष्टाचार हुआ है और इसमें धनशोधन का भी मामला बनता है। फ्रांस सरकार और दसॉ दोनों ने, हालांकि, आरोप को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस एनजीओ ने अपनी शिकायत में जानना चाहा है कि ऐसी क्या परिस्थितियों थीं जिनके चलते भारत के साथ ३६ लड़ाकू जेट विमान बेचने का समझौता हुआ। साथ ही एनजीओ ने यह भी जानना चाहा है कि भारत के व्यापारी अनिल अंबानी की कंपनी को विमान डील के लिए चुनने के पीछे क्या कारण था।
”शेरपा” नाम का यह एनजीओ आर्थिक अपराधों के खिलाफ कानूनी लड़ता है और फ़्रांस में इसका काफी नाम है। इस एनजीओ ने अब भारत के साथ हुई राफेल डील को लेकर देश के वित्तीय मामलों के प्रॉसीक्यूटर ऑफिस में एक शिकायत दर्ज कराई है।
इसे लेकर ख़बरें फ़्रांस के मीडिया में छपी हैं। ऐसे की एक मीडिया पोर्टल ”फ्रेंच न्यूज़” की वेबसाइट ”मीडियापार्ट” में छपी हैं। मीडियापार्ट की रिपोर्ट के मुताबिक ”शेरपा” की तरफ से दर्ज करवाई गई शिकायत में राफेल विमान सौद्दे में भ्रष्टाचार और धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) की आशंका ज़ाहिर की गयी है। दसॉ और सरकार दोनों ने शेरपा के आरोपों को ”निराधार” बताकर खारिज कर दिया है।
अपनी शिकायत में शेरपा एनजीओ ने उम्मीद जताई है कि राष्ट्रीय पब्लिक प्रॉसीक्यूटर ऑफिस उनकी शिकायत की जांच करेगा और जल्द ही किसी फैसले पर पहुँच सकेगा। वैसे यह शिकायत पिछले महीने के आखिर में दर्ज करवाई गयी है। अभी यह जानकारी नहीं है कि शेरपा की शिकायत पर कोइ जांच शुरू हुई है या नहीं। राफेल को लेकर पहले से ही भारत की सर्वोच्च अदालत में मामला चल रहा है।