संसद के ऊपरी सदन (राज्यसभा) की खाली हो रही 55 सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होने हैं। परिणाम 26 मार्च शाम को ही जारी हो जाएँगे। इसके बाद जून में और पाँच सीटें, जुलाई में एक और नवंबर में 11 अन्य सीटें खाली होंगी। इसी के चलते खाली हो रही सीटों के लिए अभी से दौड़ शुरू हो गयी है।
अप्रैल में खाली होने वाली वाली 55 सीटों में सबसे ज़्यादा 7 सीटें महाराष्ट्र की हैं। इसके अलावा तमिलनाडु की 6 सीटें, पश्चिम बंगाल और बिहार की 5-5 सीटें, ओडिशा, गुजरात और आंध्र प्रदेश की 4-4 सीटें, असम, राजस्थान और मध्य प्रदेश की 3-3 सीटें, हरियाणा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की 2-2 सीटें और मणिपुर, मेघालय और हिमाचल प्रदेश की 1-1 सीट खाली होगी। इसी तरह पाँच सीटें जून में खाली हो जाएँगी। इनमें से 4 कर्नाटक की होंगी और एक अरुणाचल प्रदेश की। जुलाई में मिजोरम में एक सीट खाली हो रही है। वहीं, नवंबर में 11 सीटें राज्यसभा में भरी जाएँगी, जिनमें से उत्तर प्रदेश की 10 सीटें होंगी और एक उत्तराखंड की।
रिटायर हो रहे सदस्य
जो राज्यसभा सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उनमें महाराष्ट्र के 7 सदस्य शामिल हैं। यह हैं- रामदास अठावले, हुसैन दलवई, राजकुमार धूत, संजय दत्तात्रेय काकड़े, मालेद मेमन, शरद पवार और अमर शंकर सेबल हैं। अप्रैल 2020 में सेवानिवृत्त हो रहे तमिलनाडु के छ: राज्यसभा सदस्य एस. मुथुकरुप्पन, डॉ. शशिकला पुष्पा रामास्वामी, टीके रंगराजन, एके सेल्वरई, सत्यनथ लीला और तिरुचि शिवा हैं।
पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के जो पाँच सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उनमें ऋतब्रत बनर्जी, प्रो. जोगन चौधरी, मनीष गुप्ता, अहमद हसन और डॉ. कँवर दीप सिंह शामिल हैं। बिहार से उच्च सदन के पाँच सेवानिवृत्त सदस्य हरिवंश, कहकशाँ परवीन, आरके सिंह, डॉ. सीपी ठाकुर और राम नाथ ठाकुर हैं। गुजरात से रिटायर होने वाले चार राज्यसभा सदस्य हैं- कनिभाई गोहिल, मधुसूदन मिस्त्री, महंत शंभुप्रसाद टुंडिया और लाल सिंह वड़ोदिया। आंध्र प्रदेश से राज्यसभा के अप्रैल में सेवानिवृत्त होने वाले सदस्य हैं- डॉ. केशव राव, थोटा लक्ष्मी सीताराम और मोहम्मद अली खान।
सेवानिवृत्त होने वाले ओडिशा के तीन राज्यसभा सदस्यों में रंजीब बिस्वाल, सरोजिनी हेम्ब्रम और नरेंद्र कुमार स्वैन शामिल हैं। राजस्थान से सेवानिवृत्त सदस्य विजय गोयल, नारायण लाल पंचरिया और राम नारायण डूडी हैं। मध्य प्रदेश से राज्यसभा के तीन सेवानिवृत्त सांसद डॉ. सत्यनारायण जटिया, प्रभात झा और दिग्विजय सिंह हैं। झारखंड से परिमल नथवाणी और प्रेमचंद गुप्ता, छत्तीसगढ़ से रणविजय सिंह जूदेव और मोतीलाल वोरा, तेलंगाना से गरिकपति मोहन राव और डॉ. केवीपी रामचंद्र राव अप्रैल में सेवानिवृत्त होंगे। अप्रैल में सेवानिवृत्त होने वाले अन्य लोगों में शामिल हैं- कुमारी शैलजा (हरियाणा), बिस्वजीत दैमरी (असम) और वंसुक सियाम (मेघालय)। कुल 245 सदस्यीय राज्यसभा में वर्तमान में 239 सदस्य हैं। कुल मिलाकर, भाजपा के राज्यसभा में सबसे ज़्यादा 82 सदस्य हैं; जबकि कांग्रेस के पास 46 सदस्य हैं। भाजपा के वर्तमान सहयोगी-अन्नाद्रमुक, जेडी (यू), एसएडी, एजीपी, बीपीएफ, बीजेएफ, एलजेपी, आरपीआई (ए) और एसडीएफ के 25 सदस्य हैं; जो एनडीए की संख्या को 107 तक पहुँचा देते हैं।
जीत की सम्भावनाएँ
भाजपा, जिसके पास वर्तमान में 82 सदस्य हैं; के 13 उम्मीदवारों के जीतने की प्रबल सम्भावना है। उधर, प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस, जिसके 46 सदस्य हैं; को चुनाव में 10 सीटें मिलने की सम्भावना है। हालाँकि, उसके 11 सदस्य अप्रैल में सेवानिवृत्त हो जाएँगे, जिससे उसका नफा-नुकसान कमोवेश बराबर ही रहेगा। भाजपा को महाराष्ट्र से राज्यसभा की दो सीटें जीतने का भरोसा है। शिवसेना को एक सीट मिल सकती हैं। एनसीपी को दो और कांग्रेस को एक। पश्चिम बंगाल में, टीएमसी को चार सीटों पर जीत मिलने की उम्मीद है या पाँचों रिक्तियों के मुकाबले सभी पाँच भी हो सकती हैं, जिनके लिए उसे कांग्रेस के समर्थन की ज़रूरत रहेगी, जिसे लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं है। वैसे कांग्रेस ने संकेत दिया है कि अगर माकपा उसे मैदान में लाती है, तो वह सीताराम येचुरी की उम्मीदवारी का समर्थन करेगी।
बिहार से जनता दल (यूनाइटेड) यानी जद(यू) और भाजपा गठबंधन को तीन और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को दो सीटें मिल सकती हैं। तमिलनाडु में छ: सीटों में से, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (एआईएडीएमके) और द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (डीएमके) को 3-3 सीटें जीतने की सम्भावना है। मध्य प्रदेश से भाजपा और कांग्रेस दोनों को अपनी मौज़ूदा संख्या के हिसाब से एक-एक सीट मिलने की सम्भावना है।
हालाँकि, भाजपा और कांग्रेस दोनों के पास खाली पड़ी 55 सीटों में से अधिकांश पर जीत की सम्भावना है; लेकिन दोनों दलों की वास्तविक संख्या वर्तमान से नीचे आ सकती है। कांग्रेस, जिसमें 46 सदस्य हैं, को आगामी चुनावों में 10 सीटें मिलने की सम्भावना है।
पार्टी के अप्रैल में अपने 11 सदस्य सेवानिवृत्त हो जाने से हैं और इस लिहाज़ से उसे एक सीट का नुकसान होना तय है। भाजपा के सदन में 82 सदस्य हैं, जिसमें 13 नये सदस्यों के जीतकर आने की उम्मीद है। हालाँकि जो 55 सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उनमें से अकेले भाजपा के 18 सदस्य हैं। इस लिहाज़ से भाजपा का पाँच सीटों का नुकसान हो जाएगा।
कांग्रेस और भाजपा के विपरीत पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) कहीं बड़े फायदे में रहने वाले हैं। बीजद को ओडिशा से तीन रिक्तियों में से दो सीटें जीतने की सम्भावना है, जबकि भाजपा एक पर जीत सकती है। भाजपा हिमाचल प्रदेश और हरियाणा से से एक-एक सीट अपने खाते में जोड़ लेगी, जबकि महाराष्ट्र में शिवसेना एक सीट की उम्मीद कर रही है। उसके सत्तारूढ़ गठबन्धन सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस क्रमश: दो और एक सीट पर जीतेंगे। चुनाव की तारीख तय हो चुकी है, इसलिए अब सम्भावित नामों को लेकर चर्चा और विचार-विमर्श शुरू हो चुका है। इन चुनाव परिणामों के बाद उच्च सदन यानी राज्यसभा का पार्टीवार नक्शा भी बदला-बदला दिखेगा। राज्यसभा में इस बदलाव का सबसे बड़ा कारण हाल के विधानसभा चुनाव हैं, जिनमें भाजपा को कई जगह हार मिली है; जिससे उसकी सदस्य संख्या घटेगी।
सम्भावित प्रमुख नाम
राज्यसभा के लिए सत्ता के गलियारों में जिन नामों पर चर्चा हो रही है, उनमें कांग्रेस से प्रियंका गाँधी वाड्रा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, रणदीप सुरजेवाला, आरपीएन सिंह, मोतीलाल वोरा, मधुसूदन मिस्त्री, कुमारी शैलजा, दिग्विजय सिंह, बी.के. हरिप्रसाद और एमवी राजीव गौड़ा शामिल हैं। जबकि राज बब्बर और पीएल पुनिया के उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से दोबारा नामांकित होने की सम्भावना नहीं है। बिहार में राजद को भाजपा और जद(यू) के नुकसान की कीमत पर फायदा होने की सम्भावना है। जेडीयू के पाँच सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों में से तीन सदस्य हैं- पार्टी उपाध्यक्ष हरिवंश, कहकशाँ परवीन और राम नाथ ठाकुर। अन्य दो आर.के. सिन्हा और सी.पी. ठाकुर भाजपा से हैं। चूँकि बिहार विधानसभा में सदस्यों की संख्या 243 है, इसलिए एक उम्मीदवार को उच्च सदन में अपनी जगह बनाये रखने के लिए 42 विधायकों के पहले अधिमान्य मतों की आवश्यकता होगी।
मौज़ूदा ताकत के आधार पर राजद अपने 81 विधायकों और 26 कांग्रेस विधायकों के साथ आसानी से दो सीटें जीतने की उम्मीद कर रहा है। सत्तर विधायकों की अपनी शक्ति के साथ नीतीश कुमार की जेडीयू को उच्च सदन के लिए दो नामांकन मिलेंगे, जबकि भाजपा को एक सीट मिल सकती है। इस परिदृश्य में भाजपा को अपने दो नेताओं- आर.के. सिन्हा या सीपी ठाकुर में से एक को चुनना होगा। राम नाथ ठाकुर जो पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं या कोई ऐसा, जो राजनीतिक रूप से अहम अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आता हो; वह भी अंतत: उसकी पसंद हो सकता है। राजद में रघुवंश प्रसाद सिंह, जगदानंद सिंह, शिवानंद तिवारी, जय प्रकाश नारायण यादव और बुलो मंडल जैसे वरिष्ठ नेता दौड़ में हैं। हालाँकि, लालू प्रसाद यादव बिहार से प्रेमचंद गुप्ता को चुन सकते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और लालू प्रसाद के करीबी सहयोगी गुप्ता ने जनवरी में राजद प्रमुख से मुलाकात की थी। वैसे तेजस्वी यादव गुप्ता के पक्ष या िखलाफ निर्णय कर सकते हैं। ऐसी भी चर्चाएँ हैं कि राजद राबड़ी देवी को राज्यसभा प्रत्याशियों में से एक के रूप में नामित कर सकती है।
झारखंड में झामुमो एक सीट जीतने के लिए पूरी तरह तैयार है, और सबसे ज़्यादा सम्भावना है कि पार्टी शिबू सोरेन को मैदान में उतारे। कांग्रेस दूसरी सीट पर चुनाव लडऩे की योजना बना रही है। हालाँकि, पार्टी को एक ऐसे उम्मीदवार की ज़रूरत होगी, जो आजसू के दो वोटों के साथ निर्दलीय वोट भी हासिल कर सके। मध्य प्रदेश में कांग्रेस दिग्विजय सिंह को एक और कार्यकाल के लिए भेजने की मंशा रखती है और दूसरी सीट के लिए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान में लाने पर बातचीत चल रही है।
पश्चिम बंगाल में, जो तीन मनोनीत सदस्य 2 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने वाले हैं; उनमें चित्रकार और प्रोफेसर जोजन चौधरी, पत्रकार अहमद हसन इमरान और डॉ. के.डी. सिंह शामिल हैं। हालाँकि टीएमसी सुप्रीमो पार्टी के भीतर किसी टकराव से बचने के लिए सम्भावित उम्मीदवारों के नामों का खुलासा नहीं किया है। वह अच्छी तरह जानती हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान जब उन्होंने 10 मौज़ूदा सांसदों को बदलकर 42 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की थी, तो पार्टी के कुछ नेताओं, जैसे- सौमित्र खान, अनुपम हाज़रा और अर्जुन सिंह ने खुलेआम बगावत कर भाजपा का दामन थाम लिया था। ममता बनर्जी की रणनीति नामों को अंतिम रूप देने से पहले विश्वास में लेने की होगी। ओम प्रकाश मिश्रा और मौसम बेनज़ीर नूर के नाम राज्यसभा के लिए टीएमसी के उम्मीदवार के रूप में लिए जा रहे हैं।