पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने राज्य में सीबीआई-पुलिस विवाद से जुडी रिपोर्ट केंद्र को भेज दी है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सुबह उनसे यह रिपोर्ट तलब की थी। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए देश भर के विपक्षी नेताओं का समर्थन बढ़ता जा रहा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कोलकाता में पश्चिम बंगाल पुलिस और सीबीआइ के बीच चल रहे विवाद पर राज्यपाल केसरीनाथ ने रविवार को सीबीआई-पुलिस विवाद पर पूरा घटनाक्रम भेज दिया है। यह मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पहुँच चूका है। भाजपा के एक वर्ग में यह मांग जोर पकड़ रही है कि ममता सरकार को बर्खास्त कर दिया जाये।
उधर सीएम ममता बनर्जी के धरने को देश भर के विपक्ष का समर्थन मिल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्रियों, सीएम और विभिन्न राजनीतिक दलों ने उनको समर्थन का ऐलान कर दिया है। अब यह मामला पूरी तरह राजनीतिक रंग ले चूका है और भाजपा भी इस मामले में सावधानी वरतने की कोशिश कर रही है।
सोमवार को भाजपा ने अपने दो मंत्रियों प्रकाश जावेड़कर और रविशंकर प्रसाद को ममता बनर्जी और कांग्रेस के खिलाफ मैदान में उतारा। दोनों ने प्रेस कांफ्रेंस करके ममता और कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला।
तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर संसद में सोमवार को हंगामा किया। अब लोक सभा को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। संसद में अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा। विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में आरोपित को राजनीतिक संरक्षण दिया जा रहा है। सीबीआइ अपना काम कर रही थी लेकिन उसको अपना काम करने से रोका गया।
उधर ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस भी पूरी तरह मैदान में उतर गयी है। टीएमसी के नेताओं ने ममता को ”झांसी की रानी” बताते हुए उनके एक्शन का समर्थन किया है। पार्टी का आरोप है कि मोदी सरकार सीबीआई और अन्य संस्थाओं के राजनीतिक विरोधियों को कुचलने के लिए इस्तेमाल कर रही है। ममता ने भी कल यही आरोप लगाए थे। उनका धरना सोमवार को भी जारी है।