मध्य प्रदेश में सोमवार सुबह स्पीकर एनपी प्रजापति ने विधानसभा की कार्यवाही को कोरोना वायरस का हवाला देते हुए २६ मार्च तक स्थगित कर दिया था, लेकिन अब शाम को राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र लिखकर उनसे मंगलवार को फ्लोर टेस्ट करवाकर अपना बहुमत सिद्ध करने को कहा है। दिलचस्प यह है कि स्पीकर के फैसले के बाद भाजपा सुप्रीम कोर्ट पहुँच गयी और उसमें एक याचिका डालकर १२ घंटे में फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग की है। मामला तब भी दिलचस्प हुआ जब भाजपा के एक विधायक नारायण त्रिपाठी सीएम से मिले।
भाजपा ने सुबह १०६ विधायकों के हस्ताक्षर वाला एक पत्र भी राज्यपाल को सौंपा था। उसका दावा था था कि उसके पास बहुमत की सीटें हैं। अब राज्यपाल के सीएम कमलनाथ को पत्र लिखकर मंगलवार को बहुमत सिद्ध करने को कहने से मामला दिलचस्प हो गया है जबकि भाजपा की याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में है। इस याचिका पर कल सुनवाई होनी है और जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच यह सुनवाई करेगी।
गौरतलब है कि हंगामे के बीच आज सुबह मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही २६ मार्च तक स्थगित कर दी गयी थी। राज्यपाल ने कमलनाथ को लिखे पत्र में कहा कि आज फ्लोर टेस्ट के लिए कहा गया था लेकिन नहीं किया गया। राज्यपाल ने कहा कि यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह माना जाएगा कि आप बहुमत हो चुके हैं।
हालांकि, कमलनाथ कह चुके हैं कि विधानसभा को लेकर फैसले का अधिकार राज्यपाल का नहीं और वे सिर्फ सलाह दे सकते हैं निर्देश नहीं और अधिकार स्पीकर के पास है। यह माना जा रहा है कि भाजपा को खुद अपने विधायकों का खतरा है। आज उसके १०७ से १०६ विधायक ही राज्यपाल के पास गए थे। नारायण त्रिपाठी राज्यपाल के पास जाने के बजाए सीएम कमलनाथ से मिलने चले गए।
उधर बेंगलुरु गए कांग्रेस के कथित बागी विधायकों को लेकर कुछ पक्का नहीं कि वे कब भोपाल आएंगे। कांग्रेस इसे भी एक मुद्दा बना रही है और उसका आरोप है कि उन्हें बंधक बनाया गया है।
दोपहर को मध्यप्रदेश विधानसभा के २६ मार्च तक स्थगित होने के कुछ देर बाद ही मध्यप्रदेश भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान फ्लोर टेस्ट की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे गए। भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर १२ घंटे में फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग की है। जानकारी के मुताबिक, कोर्ट कल इस याचिका पर सुनवाई कर सकता है। बता दें कि सोमवार को जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई और राज्यपाल का अभिभाषण हुआ तो उसके तुरंत बाद कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। भाजपा विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया और कहा कि कमलनाथ सरकार फ्लोर टेस्ट से डर रही है।