राजा मानसिंह की हत्या में दोषी पाए गए 11 पुलिसकर्मियों को मथुरा में सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को सजा का ऐलान कर सभी दोषी पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोषियों पर फैसला सुनाने के दौरान राजा मानसिंह का परिवार वहां मौजूद रहा। राजा मानसिंह की पुत्री कृष्णेंद्र कौर उर्फ दीपा सिंह अपने परिजनों के साथ पहुंचीं।
भरतपुर के राजा मानसिंह और दो अन्य की हत्या के मामले में मंगलवार को 11 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया गया था। 21 फरवरी 1985 को हुए इस बहुचर्चित हत्याकांड की सुनवाई के दौरान 1700 तारीखें पड़ीं और 25 जिला जज बदल गए। वर्ष 1990 में यह केस मथुरा जिला जज की अदालत में स्थानांतरित किया गया था। 35 साल बाद 21 जुलाई 2020 को राजा मानसिंह हत्याकांड में फैसला सुनाया गया।
मामले में वादी पक्ष के अधिवक्ता नारायण सिंह विप्लवी ने बताया कि अब तक आठ बार फाइनल बहस हुई और कुल 78 गवाह पेश हुए, जिनमें से 61 गवाह वादी पक्ष ने तो 17 गवाह बचाव पक्ष ने अपनी दलीलें रखने को पेश किए।
इन्हें हुई सजा
– कान सिंह भाटी, सीओ
– वीरेन्द्र सिंह, एसएचओ
– रवि शेखर, एएसआई
– सुखराम, कांस्टेबल
– जीवन राम, कांस्टेबल
– भंवर सिंह, कांस्टेबल
– हरि सिंह, कांस्टेबल
– शेर सिंह, कांस्टेबल
– छत्तर सिंह, कांस्टेबल
– पदमा राम, कांस्टेबल
– जगमोहन, कांस्टेबल
ये किए गए बरी
– कान सिंह सिरवी, निरीक्षक
– गोविंदराम, कांस्टेबल (जीडी लेखक)
– हरिकिशन, कांस्टेबल (जीडी लेखक)