राजस्थान में भले सामने से बागी सचिन पायलट गहलोत ही सरकार के खिलाफ दिख रहे हों, परदे के पीछे से भाजपा और बसपा भी सरकार को घेरने में जुटी हुई हैं। एक तरह से भाजपा को ‘फायदा’ देने वाले कदम में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय को चुनौती दी है। इस पर आज सुनवाई होने वाली है। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ‘कांग्रेस को सबक सिखाने’ वाले बसपा प्रमुख मायावती के ब्यान के बाद उनका नाम लिए बगैर बसपा को भाजपा की ‘बी’ टीम बताया है।
यह दिलचस्प है बसपा के इन विधायकों का कांग्रेस में विलय पिछले साल के आखिर में हुआ था। इस विलय के बाद राज्य सभा के भी चुनाव हो चुके हैं जिसमें इन विधायकों ने कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में वोट किया था। तब भी बसपा ने विलय पर सवाल नहीं उठाए थे। याद रहे दो दिन पहले ही राजस्थान हाईकोर्ट ने भाजपा विधायकमदन दिलावर की इसी से जुड़ी एक याचिका खारिज कर दी थी, हालांकि, अब उन्होंने नई याचिका डाली है।
अब बसपा की याचिका राजस्थान हाई कोर्ट में महासचिव सतीश मिश्रा की ओर दाखिल की गयी है जिसमें इन 6 विधायकों के विलय को चुनौती दी गई है।
बसपा के छह विधायक लखन सिंह (करौली), राजेन्द्र सिंह गुढ़ा (उदयपुरवाटी), दीपचंद खेड़िया (किशनगढ़ बास), जोगेन्दर सिंह अवाना (नदबई), संदीप कुमार (तिजारा) और वाजिब अली (नगर, भरतपुर) विधायक दल का विलय कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। ”अब बसपा गहलोत को सजा देना चाहती है”।
उधर बसपा अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को कहा था कि राजस्थान में चुनाव के बाद कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दिया था, लेकिन दुर्भाग्य से सीएम अशोक गहलोत ने बसपा को नुकसान पहुंचाने के लिए उनके सभी विधायकों का अपनी पार्टी में विलय करा दिया।
इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया है कि सचिन पायलट का साथ दे रहे तीन विधायक वापस गहलोत के साथ लौटने वाले हैं। अभी तक गहलोत 102 विधायकों के साथ होने का दावा कर चुके हैं, जो पूर्ण बहुमत से एक ज्यादा है।