कांग्रेस ने राजस्थान मामले से जुड़ी सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका वापस ले ली है। यह याचिका विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने दायर की थी। इस तरह लगता है कांग्रेस ने अपना पूरा ध्यान राजनीतिक लड़ाई पर फोकस कर लिया है। उधर राज्यपाल कलराज मिश्र ने गहलोत सरकार की तरफ से विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग वाली फाइल कुछ और सवालों के साथ वापस सरकार को लौटा दी है।
स्पीकर सीपी जोशी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही अपनी याचिका वापस ले ली। जोशी ने अपनी याचिका में कहा था कि राजस्थान हाई कोर्ट ने उनके बागी विधायको को जारी नोटिस पर ‘स्टे’ लगा दिया है, जो स्पीकर के रूप में उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है। स्पीकर की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कोर्ट में ये जानकारी दी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक से इंकार कर दिया था।
इस बीच पता चला है कि राज्यपाल ने एक दिन पहले की गयी गहलोत सरकार की विधानसभा सत्र बुलाने की लिखित मांग वाली फाइल दो नए सवाल पूछते हुए वापस लौटा दी है। इसमें राज्यपाल ने पूछा है कि क्या सरकार सत्र के दौरान विश्वास मत लाना चाहती है, क्योंकि मीडिया में इस तरह की ख़बरें हैं। राज्यपाल ने दूसरे बिंदु में कहा है कि कोरोना की आज की स्थिति में सभी विधायकों को जयपुर बुलाना इतना सरल नहीं है, लिहाजा 21 दिन का नोटिस सत्र के लिए देने के लिए क्या सरकार तैयार है ?
उधर कुछ महीने पहले सभी 6 विधायकों वाला बसपा विधायक दल कांग्रेस में शामिल कर गया था। लेकिन भाजपा ने इसके खिलाफ याचिका दायर की थी जिसपर राजस्थान हाई कोर्ट सुनवाई करेगा। दिलचस्प यह है कि बसपा ने कांग्रेस में जा चुके अपने छह विधायकों को ‘व्हिप’ जारी करके कहा है कि ‘विधानसभा में वे गहलोत सरकार के खिलाफ वोट करें’। यह विधायक गहलोत का समर्थन करते हैं।