कांग्रेस का राजस्थान संकट अभी चल रहा है और पार्टी ने हाल के घटनाक्रम के बाद तीन नेताओं को नोटिस जारी कर दिया है। यह सभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी नेता हैं। हालांकि, गहलोत को लेकर स्थिति साफ़ नहीं है जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस घटनाक्रम को लेकर माफी माँगी है।
यह नोटिस पार्टी महासचिव तारीक अनवर की तरफ से जारी किये गए हैं। इन नेताओं में शांति कुमार धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ शामिल हैं। उनपर आरोप है कि उन्होंने केंद्रीय पर्यवेक्षकों के जयपुर आने पर अलग बैठक की जो अनुशासनहीनता है।
कांग्रेस विधायक दल की यह बैठक 25 सितंबर को कांग्रेस आलाकमान के आदेश पर मुख्यमंत्री की अनुमति से बुलाई गई थी। बैठक मुख्यमंत्री निवास पर शाम 7 बजे होनी थी लेकिन इससे ठीक दो घटे पहले शाम 5 बजे केबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के घर काफी कांग्रेस विधायकों ने अलग से बैठक शुरू के दी।
बाद में इन विधायकों, जिनकी संख्या 92 होने का दावा किया गया था, ने स्पीकर सीपी जोशी से मिलकर अपने इस्तीफे उन्हें सौंप दिए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन और पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे से कहा था कि उनका इसमें कोई रोल नहीं है। इस घटनाक्रम के चलते बैठक स्थगित करनी पड़ी थी।
धारीवाल सीएम गहलोत के सबसे वफादार नेताओं में गिने जाते हैं। गहलोत के तीनों कार्यकाल में वो मंत्री बने हैं। मंत्री महेश जोशी भी गहलोत के करीबी हैं। जयपुर शहरी क्षेत्र की हवा महल सीट से विधायक हैं। गहलोत के सबसे विश्वसनीय नेताओं में से एक महेश विधानसभा के मुख्य सचेतक भी हैं। धर्मेन्द्र राठौड़ भी गहलोत के भरोसेमंद हैं। राठौड़ आरटीडीसी के चेयरमैन हैं।