पंचायत चुनावों में भाजपा से पिछड़ने वाली कांग्रेस ने राजस्थान के नगर परिषद और नगरपालिका के चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल की है। भाजपा इन चुनावों में तीसरे नंबर पर रही जबकि दूसरे नंबर पर निर्दलीय रहे। इस तरह भाजपा को इन चुनावों में जबरदस्त झटका लगा है।
राजस्थान के 50 निकायों के 1775 वार्डों में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 620 सीटें जीती हैं जबकि 595 सीटों के साथ निर्दलीय दूसरे नंबर पर रहे। भाजपा को बड़ा झटका लगा है क्योंकि वह तीसरे नंबर पर रही और उसे 548 जगह जीत हासिल हुई है। उनके अलावा बसपा को महज 7, भाकपा और माकपा को 2-2 जबकि आरएलपी को एक जगह जीत मिली है। हाल में पंचायत समिति चुनाव में भाजपा ने 4371 सीटों में से 1932 सीटें जबकि कांग्रेस ने 1799 जीते थीं।
शहरी निकायों के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस सबसे ज्यादा वार्डों में जीत दर्ज करने में सफल रही है। निर्दलीय प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे हैं जबकि भाजपा पिछली बार के नंबर एक से तीसरे नंबर पर पहुंच गयी। शहरी इलाका भाजपा का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है लेकिन इस बार कांग्रेस ने भाजपा का यह गढ़ भेद दिया है। इस बार भाजपा ने अपने कब्जे वाली तीस निकायों में बहुमत गवां दिया है।
याद रहे 2015 के इन 50 निकाय चुनाव में 34 शहरों में भाजपा ने जीत हासिल की थी। अब पांच साल बाद सिर्फ चार स्थानों पर ही बहुमत जुटा पाई है। प्रदेश के तीस ऐसे निकाय हैं, जहां निर्दलीय अहम भूमिका में हैं।
कांग्रेस के पास विपक्ष में रहते हुए इन 50 में से 14 शहरी निकायों में अध्यक्ष थे जबकि अब 16 में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने 40 निकायों में अध्यक्ष बनाने का दावा। डोटासरा ने कहा कि भाजपा का तीसरे स्थान पर सरक जाना साफ संकेत देता है कि लोगों के मन से भाजपा दूर होती जा रही है। वैसे पार्टी अपने ही 18 विधायकों और 4 मंत्रियों के क्षेत्रों में बहुमत से दूर रह गई है जहाँ निर्दलीयों ने बाजी मारी है।