कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सचिन पायलट और उनके साथी विधायकों का मसला हल करने के लिए एक तीन सदस्यी समिति का गठन किया है। यह समिति इन लोगों से बातचीत करके उनकी ‘वापसी’ और अन्य मुद्दों पर बात करेगी। उधर पायलट गुट के विधायक भंवर लाल शर्मा सोमवार शाम एक महीने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले। सचिन पायलट और अन्य ‘बागी’ विधायकों के भी आज रात या कल जयपुर लौटने की संभावना है।
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने एक तरह से इन विधायकों की पार्टी में ‘वापसी’ को हरी झंडी दिखा दी है। आज सचिन पायलट की राहुल गांधी, प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद सोनिया गांधी से भी मुलाकात की चर्चा है। पायलट खेमे ने कहा है कि उन्हें उनकी शिकायतें दूर करने का भरोसा दिलाया गया है, जिसके बाद वे अपनी नाराजगी दूर करने को तैयार हुए हैं।
पायलट, जिनके साथ अपेक्षाकृत कम विधायक हैं, भाजपा में जाने की अनेक चर्चाओं के बावजूद कांग्रेस में ही रहे, जिससे कांग्रेस आलाकमान उनके प्रति नरम हुई है। पायलट गुट के विधायकों की सरकार में भागीदारी का फैसला सोनिया गांधी की बनाई तीन सदस्यी समिति उनसे बातचीत के बाद करेगी।
इस तरह अब पक्की संभावना बन रही है कि राजस्थान में कांग्रेस और सरकारका संकट टल गया है। भंवर लाल शर्मा ने गहलोत से मुलाकात के बाद पत्रकारों से कहा कि ‘नाराजगी अब दूर हो गयी है’। अभी यह साफ़ नहीं है कि सचिन पायलट को पार्टी अब क्या रोल देगी। उनके राजस्थान में रहने की संभावना कम ही है, और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर कोई जिम्मा दिया जा सकता है।
पायलट ने न तो कोई अलग पार्टी बनाई न भाजपा में उनके जाने की कोई पुख्ता जानकारी कभी आई। यह भी हो सकता है भाजपा ने इतने कम विधायकों के समर्थन के कारण ‘अपने काम का’ नहीं समझा हो। या यह भी हो सकता है भाजपा अभी कुछ इन्तजार करना चाहती हो। राजस्थान में सरकार गिराने की कोशिश के पीछे उसके होने के आरोपों से निश्चित ही भाजपा की छवि को बट्टा लगा है, भले उसने इससे साफ़ इंकार किया हो।
भाजपा में भी जबरदस्त सुगबुगाहट इस सारे घटनाक्रम को लेकर रही है। इस सारे एक महीने में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया खामोश रहीं। पिछले दिनों वे अचानक सक्रिय हुईं और दिल्ली जाकर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा राजनाथ सिंह और अन्य नेताओं से मिलीं। वे पीएम मोदी से भी मिलीं। अपुष्ट जानकारी के मुताबिक उन्हें राज्यपाल बनाने की ‘ऑफर’ की गयी थे, लेकिन उन्होंने इससे साफ़ मना कर दिया।
अब अगले दो-तीन दिन में कांग्रेस की स्थिति साफ हो जाएगी। यह तय है कि सचिन पायलट और उनके सभी समर्थक विधायक कांग्रेस में ही रह रहे हैं। उन्हें पद वापस मिलेंगे या नहीं, यह देखना दिलचस्प होगा।