सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि है अपराधीकरण से जुड़े मामले में राजनीतिक पार्टियों को अपने उम्मीदवारों के एलान के 48 घंटे के भीतर मुकदमों की जानकारी जारी करनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ कोई आपराधिक मामला संबंधित हाईकोर्ट की मंजूरी के बगैर वापस नहीं लिया जा सकता है। शीर्ष अदालत के इस फैसले का उद्देश्य राजनीति में अपराधीकरण को कम करना है।
फरवरी 2020 के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक पार्टियों को आदेश दिया था कि उम्मीदवारों के चयन के 48 घंटों के भीतर या नामांकन दाखिल करने की पहली तारीख से कम से कम दो सप्ताह पहले उनका विवरण प्रकाशित करना होगा। लेकिन आज के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि राजनीतिक पार्टियों को उम्मीदवारों के एलान के 48 घंटे के भीतर मुकदमों की जानकारी देनी होगी।
सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से आपराधिक इतिहास का खुलासा नहीं करने वाली पार्टियों के उम्मीदवारों के चुनाव चिन्ह को फ्रीज या निलंबित रखा जाने की अपील की है। । आयोग ने यह सुझाव सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेश का उल्लंघन करने के मामले में दिया है।