राजधानी दिल्ली में दिल्ली नगर निगम के चुनाव टाले जाने के बाद दिल्ली की गलियों का विकास रुक सा गया है। इसके पीछे की सियासत को लेकर दिल्ली वालों का कहना है कि अगर दिल्ली नगर निगम के चुनाव और टाले गये तो आने वाले दिनों में दिल्ली की गलियों का विकास पूरी तरह से ठप सा हो जायेगा। बताते चलें दिल्ली में निर्धारित समय के मुताबिक अप्रैल 2022 में दिल्ली नगर निगम के चुनाव हो जाने थे। लेकिन सियासत क्या न करें। क्योंकि दिल्ली नगर निगम के चुनाव में एक पार्टी को बड़ा नुकसान की आशंका थी और एक नई नवेली पार्टी के पक्ष के हवा बनती दिख रही थी।
जिसके कारण सियासी गुणा-भाग ऐसा लगाया गया कि दिल्ली नगर निगम के चुनाव तक टाले गये है ।दिल्ली के पार्षदों का कहना है कि देश की राजधानी में गत 7 -8 साल पहले विकास और सुविधाओं की चर्चा देश के अन्य महानगरों में होती थी। लेकिन आज दिल्ली में विकास न के बराबर हो रहा है। जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरीष सिंह का कहना है कि ये अजीब ही विडम्बना है कि चुनाव हार के डर से चुनाव को टाला जाना ये लोकतंत्र के लिये ठीक नहीं है।उनका कहना है कि अगर चुनाव के हार -जीत को भाप कर सत्ताधारी पार्टी मनमर्जी करती रही तो दिल्ली में विकास कार्य ही ठप नहीं होगे बल्कि लोकतंत्र से् लोगों का विश्वास उठ जायेगा। और अफसरशाही हावी हो जायेगी।जिसके चलते लोगों को सुविधाओं के अभाव में भटकना पड़ेगा।
सूत्रों का कहना है कि चुनाव को लेकर दिल्ली की राजनीतिक पार्टियों की पैनी नजर है कि कब भी सियासी गुणा -भाग लगाकर सत्ताधारी पार्टी चुनाव की घोषणा कर सकती है। सो इस लिहाज से सभी राजनीतिक दल अपनी -अपनी चुनावी तैयारियों में लगे है।