रफाल लड़ाकू विमान खरीद में विचौलिये को 65 करोड़ रूपये की घूस दी गयी थी और हैरानी की बात यह है कि इसकी जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई को भी थी। यह दावा पहले भी कई खुलासे कर चुकी फ्रांस की ऑनलाइन पत्रिका ‘मीडियापार्ट’ ने किया है।
मीडियापार्ट ने आज अपनी एक रिपोर्ट में फ़र्ज़ी रसीद छापते हुए दावा किया है कि रफाल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसॉ एविएशन ने डील के लिए भारतीय बिचौलिए सुशेन गुप्ता को करीब 65 करोड़ रुपए (7.5 मिलियन डॉलर) घूस के रूप में दिए थे।
इस रिपोर्ट जो हैरानी वाली जानकारी दी गयी है वह यह है कि भारत की दो सबसे एजेंसियों सीबीआई और ईडी को भी इसकी जानकारी थी लेकिन फिर भी उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। खोजी वेबसाइट ने रिपोर्ट में यही दावा किया है कि दस्तावेजों के होने के बावजूद भारतीय एजेंसियों ने मामले को आगे नहीं बढ़ाने का हैरानी भरा फैसला किया।
मीडियापार्ट ने आगे दावा किया है कि ऑफशोर कंपनियां, संदिग्ध अनुबंध और फ़र्ज़ी चालान इसमें शामिल हैं। मीडियापार्ट ने कहा – ‘हम यह खुलासा करने के स्थिति में हैं कि भारत की सीबीआई और ईडी के पास अक्टूबर 2018 से ही यह सबूत हैं कि दसॉ ने बिचौलिए सुशेन गुप्ता को कम से कम 65 करोड़ के गुप्त कमीशन का भुगतान किया।’
वेवसाईट की रिपोर्ट के मुताबिक कथित फ़र्ज़ी चालानों ने फ्रांसीसी विमान निर्माता कम्पनी – दसॉ एविएशन – को भारत के साथ 36 रफाल लड़ाकू विमानों का सौदा सुरक्षित करने में मदद के लिए विचौलिये सुशेन गुप्ता को गुप्त रूप से कम से कम 7.5 मिलियन यूरो (करीब 65 करोड़ भारतीय रुपए ) का भुगतान किया। यह दस्तावेज हाट में होने के बावजूद भारतीय एजेंसियों ने जांच में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
अब फ्रांस से यह नया खुलासा होने के बाद देश में फिर विपक्ष के मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर होने की सम्भावना है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, जो रफाल के मामले में सबसे ज्यादा मुखर रहे हैं, इस मामले में लगातार सरकार को कठघरे में खड़ा करते रहे हैं।