वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवान घाटी में १५ जून को चीनी सैनिकों से हुई खूनी झड़प, जिसमें २० भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, के १८ दिन बाद लद्दाख-लेह के दौरे पर जाने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का शुक्रवार का दौरा रद्द कर दिया गया है। वे अपने दौरे में लेह में इलाज करवा रहे घायल सैनिकों और मोर्चे पर डटे सैनिकों से मिलने वाले थे। अब उनका दौरा नए सिरे से तय होगा।
राजनाथ के लद्दाख दौरे के टलने की जानकारी अब से कुछ देर पहले आई है। दौरा स्थगित क्यों हुआ, इसका तात्कालिक रूप से पता नहीं चला है। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि रक्षा मंत्री के दौरे की नई तारीख जल्द घोषित की जाएगी। रक्षा मंत्री के साथ थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी लेह जाने वाले थे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अपने दौरे में सबसे पहले सेना की १४वीं कोर, जिसे फायर एंड फ्यूरी कहा जाता है, के हेडक्वार्टर पहुंचना था, जहां लेह कोर के कमांडर, ले.ज. हरिंदर सिंह का पूर्वी लद्दाख से लगती एलएसी पर चीन से तनाव को लेकर उन्हें पूरी स्थिति एक प्रस्तुति से दिखाने का कार्यक्रम था।
सेना प्रमुख नरवणे ने २३ और २४ जून को लद्दाख का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बैठकें की थीं। इससे पहले जनरल नरवणे ने २२ मई को लेह का भी दौरा किया था। उधर, चीन सीमा पर अभी भी तनाव बना हुआ है। तीस जून को चीन के कोर कमांडर मेजर जनरल लिउ लिन ने भारत के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरेंदर सिंह से १२ घंटे एक बातचीत की थी, लेकिन अभी तक कोइ ठोस नतीजा सामने नहीं आया है।
बीच में यह मीडिया रिपोर्ट्स भी आ रही हैं कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एलएसी के पास लगभग दो डिवीजन, जिसमें करीब २० हजार सैनिक रहते हैं, को तैनात किया है। यही नहीं चीन को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि उसने एक और डिव जिसमें करीब १० हजार सैनिक शामिल हो सकते हैं, नार्थ शिनजियांग प्रांत में तैनात की है।