आखिर चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर ७२ घंटे और बसपा सुप्रीमो मायावती पर ४८ घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी है। दोनों दिग्गज नेताओं को आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी माना गया है। आयोग ने माना कि इन दोनों नेताओं ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने भाषणों में जो वक्तव्य दिए वो सामाजिक और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने वाला था।
आयोग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए साफ कहा है कि योगी आदित्यनाथ अगले तीन दिनों तक चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे जबकि मायावती दो दिन तक चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगी। इस पाबंदी की समय सीमा मंगलवार सुबह ६ बजे से शुरू हो जाएगी।
चुनाव आयोग की ये रोक १६ अप्रैल से शुरू होगी जो कि योगी आदित्यनाथ के लिए ७२ घंटे और मायावती के लिए ४८ घंटे तक लागू रहेगी। इस दौरान योगी आदित्यनाथ और मायावती न तो कोई रैली संबोधित कर पाएंगे, न सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर पाएंगे। यही नहीं उनके इंटरव्यू देने पर भी रोक रहेगी।
चुनाव आयोग के फैसले के मुताबिक योगी १६, १७ और १८ अप्रैल को कोई प्रचार नहीं कर पाएंगे जबकि मायावती १६-१७ अप्रैल को कोई चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक संबोधन में मायावती पर हमला करते हुए कहा था कि अगर विपक्ष को अली पसंद है, तो हमें बजरंग बली पसंद हैं। दोनों नेताओं के इन बयानों पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया था और दोनों नेताओं को हिदायत दी थी।
उधर बसपा प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश के देवबंद में चुनावी सभा के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों से वोटों के लिए अपील की थी। मायावती ने अपने संबोधन में कहा था कि मुस्लिम समुदाय के लोग अपना वोट बंटने न दें और सिर्फ महागठबंधन के लिए वोट दें। मायावती का ये बयान धर्म के नाम पर वोट मांगने के नियम का उल्लंघन माना गया है।