कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येद्दियुरप्पा की कुर्सी जाते ही मुश्किलों का दौर शुरू हो गया है। भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने येदियुरप्पा को नोटिस जारी कर तलब किया है। आवासीय परियोजना में कथित भ्रष्टाचार के मामले में मंगलवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और उनके बेटे के साथ ही भाजपा के प्रदेश उपाध्ययक्ष बी वाई विजयेंद्र, उनके परिवार के सदस्यों, पूर्व मंत्री एस टी सोमशेखर और भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी को भी नोटिस जारी किया है।
जस्टिस एस सुनील दत्त यादव की एकल पीठ ने कार्यकर्ता टी जे अब्राहम की याचिका पर इन सभी के खिलाफ नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। इस साल आठ जुलाई को विशेष अदालत द्वारा जारी आदेश को याचिका के जरिए चुनौती दी गई है। विशेष अदालत ने तत्कालीन मुख्यमंत्री येद्दियुरप्पा और तत्कालीन मंत्री सोमशेखर पर मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगने वाला मामला खारिज कर दिया था। यह मामला बेंगलुरु विकास प्राधिकरण की एक आवासीय परियोजना के लिए कथित रिश्वत लेने से जुड़ा हुआ है। इस विषय पर कर्नाटक विधानसभा में भी चर्चा हो चुकी है जब विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने एक अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था और गंभीर आरोप लगाए थे। वहीं, येदियुरप्पा और उनके बेटे ने आरोपों को खरिज कर दिया था।
दरअसल, मामला बेंगलुरु में 662 करोड़ रुपये की लागत से एक अपार्टमेंट के निर्माण से जुड़ा हुआ है। इससे पहले विपक्ष के नेता आरोप लगा चुके हैं कि येद्दियुरप्पा और उनके बेटे के साथ ही परिवार व रिश्तेदार भी इस भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं। आरोप है कि कोलकाता में एक फर्जी कंपनी के जरिये रिश्वत मांगी गई और बाकायदा भुगतान भी किया गया। इससे पहले भी मामले की जांच की मांग की जाती रही है। अब जब सीएम का पद गंवा चुके हैं, ऐसे में सरकार भले ही उनकी न हो, लेकिन पार्टी और करीबी नेता की ही है। ऐसे में अगर अदालत सख्त रुख अख्तियार करती है और मामले की परतें खुलती हैं तो कई नेता इसकी गिरफ्त में आ सकते हैं।