भले देश की राजनीतिक दलों के नेताओं को धरा ३७० ख़त्म करने के बाद जम्मू कश्मीर जाने की इजाजत मोदी सरकार ने नहीं दी है, यूरोपियन संसद के सदस्यों के मंगलवार को कश्मीर दौरे पर जाने की संभावना है। इस टीम में करीब २८ सदस्य हैं, तय नहीं है कि इनमें से कितनों को कश्मीर जाने की इजाजत मोदी सरकार देगी।
वैसे उनके इस दौरे को एक यूरोपियन एनजीओ ने आयोजित किया है, जिसमें अधिकतर इटली के सदस्य हैं।
यूरोपियन संसद के सदस्यों ने सोमवार को दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवल से मुलाकात की। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बैठक में जम्मू-कश्मीर पर भी बात हुई है। गौरतलब है कि अगस्त के पहले हफ्ते में जम्मू कश्मीर से धारा ३७० ख़त्म करने से लेकर आज तक वहां अनेक पाबंदियां लगी हुई हैं, खासकर कश्मीर घाटी में।
किसी भी विदेशी प्रतिनिधिमंडल का पिछले महीनों में यह पहला कश्मीर दौरा होगा। धारा ३७० ख़त्म करने के बाद भले भारत ने इसे आंतरिक मसला बताया है, फिलहाल यह मामला दुनिया भर में चर्चा में है। पाकिस्तान ने भी इस पर कई देशों से स्पोर्ट का आह्वान किया है, हालांकि से इसमें कुछ सफलता हाथ नहीं लगी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी कई बार कश्मीर मसले के हल के लिए ‘मदद’ की बात कही है।
ऐसे माहौल में यूरोपियन प्रतिनिधिमंडल के दौरे को काफी अहम माना जा रहा है। अभी तक विदेशी तो दूर, देश के बड़े राजनीतिक दलों, जिनमें कांग्रेस के राहुल गांधी भी शामिल हैं, को मोदी सरकार ने कश्मीर यात्रा और लोगों से मिलने की इजाजत नहीं दी है। दो महीने पहले जब राहुल गांधी दूसरे दलों के नेताओं के साथ वहां गए थे तो उन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट से ही बैरंग लौटा दिया गया था। माना जा रहा है कि यूरोपियन संसद के सदस्यों के कश्मीर दौरे की जो रिपोर्ट होगी उसका बहुत महत्व होगा।
इन तीन महीनों में भारत की ओर से कमोवेश हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर को लेकर जानकारी भारत की तरफ से दी गयी है और विदेशी राष्ट्रप्रमुखों को जम्मू-कश्मीर के बारे में ब्रीफ किया गया है। भारत ने जम्मू-कश्मीर से धारा ३७० हटाए जाने को आंतरिक मामला बताया गया है। वहां लगाई गयी पाबंदियों को ‘एहतियात के तौर पर लगाई अस्थाई पाबंदियां’ बताया है।
इस बीच यूरोपियन प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद पीएमओ ने कहा – ‘यूरोपीय सांसदों का भारत के कल्चर को जानना काफी खुशी का विषय है।’ पीएम मोदी ने कहा – ‘उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर समेत भारत के कई हिस्सों में दल का दौरा काफी सफल होगा, इस दौरान उन्हें भारत के कल्चर, यहां चल रहे विकास कार्यों के बारे में जानने का मौका मिलेगा।’