क्या दिखाएगी यह जोड़ी कमाल, अखिलेश–शिवपाल एक ही साईकिल पर सवार
आखिरकार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के बीच चुनावी तालमेल हो ही गया है। चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव के बीच तनातनी की खबरे अक्सर आ ही जाती थी। जैसे चुनावी माहौल बनने लगा तो चाचा–भतीजे ने दोस्ती करने में देरी नहीं की।
बताते चलें, शिवपाल यादव ने अपने भाई मुलायम सिंह यादव के साथ रहकर जमीनी राजनीति की है। उनकी प्रदेश में अच्छी पकड़ मानी जाती है। उनके साथ जमीनी स्तर के कई बड़े-बड़े नेता आज भी जुड़े है। उनकी प्रदेश करीबी एक सौ ऐसी सीटें है। जहां पर उनका अच्छा खासा प्रभाव है।
शिवपाल यादव ने 2019 के लोकसभा के चुनाव में प्रगतिशील समाजवादी से लगभग 40-50 सीटों पर प्रत्याशी उतारें थे। जिसके कारण समाजवादी पार्टी को काफी नुकसान भी हुआ था।
समाजवादी पार्टी के समर्थक व उत्तर प्रदेश की सियासत में पकड़ रखने वाले पत्रकार बीरेन्द्र कुमार का कहना है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव जानते है कि अगर प्रदेश की सियासत में पकड़ के साथ –साथ चुनाव भी जीतना है तो चाचा शिवपाल यादव की पार्टी से चुनाव का तालमेल जरूरी है।
बताते चलें, प्रदेश में चुनावी मुकाबला समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच में ही है। मौजूदा समय में समाजवादी पार्टी को लेकर एम बाई फैक्टर को लेकर तरह –तरह की चर्चा हो रही है।कि इस बार अगर एम फैक्टर समाजवादी पार्टी के साथ नहीं जुड़ता है। तो चुनावी परिणाम कुछ और ही निकलेगें।क्योंकि कांग्रेस और बसपा भी एम वोट पर नजर लगाये हुये है।