उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला किया है। कानून व्यवस्था और अपराध में सुधार के लिए यूपी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए लखनऊ व नोएडा को मेट्रोपोलिटन शहर घोषित कर दिया है। इसके साथ ही इन दोनों बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी है।
सोमवार को योगी कैबिनेट की हुई बैठक में मुहर के बाद दोनों जिलों के पहले पुलिस आयुक्त की तैनाती का आदेश भी जारी कर दिया गया। प्रयागराज के एडीजी जोन सुजीत पांडेय को लखनऊ और मेरठ रेंज के एडीजी आलोक सिंह को नोएडा का पहला पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है।
कैबिनेट के फैसले की जानकारी खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया को दी। उन्होंने कहा कि इच्छा शक्ति के अभाव के कारण प्रदेश में 50 सालों में पुलिस सुधार का यह महत्वपूर्ण निर्णय नहीं हो पाया था। नई व्यवस्था से आम लोगों को इसका लाभ मिलने की उम्मीद है। कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण और सुरक्षा की दृष्टि ये काफी अहम कदम है।
कमिश्नर को कार्यकारी मजिस्ट्रेट के अधिकार
पुलिस आयुक्त व उपायुक्तों को जिला प्रशासन से संबंधित तमाम अधिकार मिल जाएंगे। इसमें शांति-व्यवस्था, गुंडा, गैंगस्टर, अनैतिक व्यापार, पशु क्रूरता, विस्फोटक,, गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम सहित 15 अधिनियमों में कार्यकारी मजिस्ट्रेट की तरह कार्रवाई के अधिकार हासिल होंगे।
डीएम के पास बचेंगे ये अधिकार
शस्त्र लाइसेंस जारी करने, बार लाइसेंस जारी करने, सराय एक्ट और मनोरंजन कर के अधिकार पूर्व की तरह डीएम के पास ही रहेंगे।