उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा में गहन मंथन जारी है और बड़े बदलाव के आसार नजर आ रहे हैं। कोरोना महामारी में नदियों पर उतरातीं लाशों से खफा भाजपा आलाकमान ने खुलकर तो कुछ जाहिर नहीं किया है, लेकिन अंदरखाने पड़ताल जारी रही है। पिछले दिनों यूपी में संघ और भाजपा की ओर से कई दिग्गज नेता दौरा कर वहां के दिग्गज नेताओं के साथ अन्य लोगों से भी लोगों की राय की टोह जानने की कोशिश कर चुके हैं। और अब इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दिल्ली स्थित उत्तर प्रदेश भवन पहुंच चुके हैं।
आज उनकी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात संभव है। वे दो दिन यहां रहेंगे और कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद बड़े बदलाव की संभावना है। हालांकि ज्यादा वक्त बचा नहीं है, ऐसे में कई मंत्री और उप मुख्यमंत्री बनाकर बहुत कुछ हासिल किए जाने की संभावना क्षीण ही नजर आ रही हैं। पिछले दिनों उत्तराखंड के सीएम का बदलना भी बहुत फायदे का सौदा साबित होता नजर नहीं आ रहा है।
सीएम योगी आदित्यनाथ दोपहर सवा दो बजे गाजियाबाद के हिंडन पर उतरे और फिर यहां से उनका काफिला दिल्ली रवाना हुआ। चर्चाएं हैं कि योगी की इन बैठकों में आगामी यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा होगी और रणनीति तैयार की जाएगी। साथ ही यूपी में संगठन और मंत्रिमंडल विस्तार पर बातचीत संभव है।वहीं प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी ए के शर्मा के भविष्य को लेकर भी कुछ तय हो सकता है। फिलहाल उनको विधान परिषद का सदस्य बनाया जा चुका है और बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसकी अटकलें बहुत पहले से ही लगाई जा रही हैं।
एमएलसी बने ए के शर्मा को कैबिनेट में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। पिछले दिनों राधामोहन की राज्यपाल से मुलाकात की चर्चा ने यूपी में मंत्रिमंडल फेरबदल की अटकलों को हवा दे दी थी। राधामोहन ने शनिवार रात पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह व महामंत्री संगठन सुनील बंसल के साथ बैठक की।
इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बी एल संतोष तीन दिन के यूपी दौरे के बाद बीते बुधवार को दिल्ली लौट गए। इस दौरे में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर संगठन और सरकार के कई प्रमुख लोगों से एक साथ तथा अलग-अलग वार्ता करके आलाकमान को रूबरू कराया था। बैठकों में कोरोना में ऑक्सीजन व बेड की कमी और इस कारण बड़ी संख्या में हुई मौतों को लेकर गैरों के साथ अपनों (भाजपा के लोगों) की मुखर हुई नाराजगी की नब्ज टटोली थी। अब दिल्ली में मिशन यूपी 2022 का ब्लू प्रिंट तैयार होगा। इसमें पूरा जोर कोरोना महामारी से हुए नुकसान की भरपाई पर रहेगा। इसके अलावा भाजपा के कान तब खड़े हो गए थे जब निकाय चुनाव के परिणाम उसके पक्ष में नहीं आए।