उत्तर प्रदेश में अभी बुलंदशहर हिंसा की स्याही सूखी भी नहीं है कि अब गाज़ीपुर में भीड़ ने एक हेड कॉन्स्टेबल की हत्या कर दी है। यह घटना पीएम नरेंद्र मोदी की जनसभा के बाद शनिवार वहां हुए पथराव में एक हेड कॉन्स्टेबल की हत्या कर दी गयी। अब तक ११ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक गाज़ीपुर ज़ोन के एडीजी रामा शास्त्री ने रविवार को कहा कि ३२ लोगों पर नामजद एफआईआर दर्ज़ की गयी है। दिवंगत सुरेश वत्स प्रतापगढ़ के लक्षीपुर-रानीपुर के रहने वाले थे और करीमुद्दीनपुर थाने में ड्यूटी पर थे।
इस बीच दिवंगत सिपाही सुरेश वत्स के पुत्र वीपी सिंह ने प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जब पुलिस ही अपनी सुरक्षा नहीं कर पा रही तो आम जनता क्या उम्मीद कर सकती है। गौरतलब है कि तीन दिसंबर को हिंसक भीड़ ने बुलंदशहर में भी एक इंस्पेक्टर सुबोध की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
एडीजी शास्त्री ने रविवार को कहा कि भीड़ के पथराव में मारे गए सिपाही के मामले में ९२ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। ”इनमें ३२ नामजद और ६० अज्ञात आरोपी हैं। इनमें से ११ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस वीडियो क्लीपिंग से भी आरोपियों की पहचान करने का प्रयास कर रही है।”
उधर निषाद समाज पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने घटना में अपनी पार्टी के लोगों के शामिल होने का खंडन करते हुए इसमें भाजपा के लोगों का हाथ लगाया है। उन्होंने घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
गौरतलब है कि शनिवार को जब निषाद समाज पार्टी के कार्यकर्ता आरक्षण मांग पर अठवा मोड़ चौराहे पर जाम लगाए थे पीएम मोदी की रैली में आये वाहन आये वाहन मुहम्मदाबाद लौट रहे थे। पुलिस ने जब इन लोगों को हटाना चाहा तो उग्र भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पथराव में हेड कॉन्स्टेबल सुरेश वत्स जख्मी हो गए और बाद में अस्पताल ले जाते हुए उनकी मौत हो गई।