कांग्रेस नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी के सरकार पर राफेल डील मामले में हमले के बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर जवाबी हमला किया है। सीतारामन ने मंगलवार शाम कहा कि पिछली यूपीए सरकार ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को सौदे से बाहर रखा था।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए भारत और फ्रांस के बीच समझौते के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई १० अक्टूबर तक के लिये स्थगित कर दिया है। इस याचिका में राफेल लड़ाकू विमानों के लिए २३ सितंबर, २०१६ को हुए समझौते पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।
राफेल लड़ाकू विमान के मुद्दे पर सीतारमण ने पूर्व रक्षामंत्री एके एंटनी के आरोप कि एनडीए सरकार ने विमानों को सस्ते में खरीदा है तो फिर १२६ विमानों की जगह ३६ विमानों का सौदा क्यों किया, सीतारमण ने कहा कि डील यूपीए के दौरान नहीं हुई। इसके अलावा यूपीए के दौरान एचएएल और डसॉल्ट के बीच प्रॉडक्शन टर्म्स को लेकर सहमति भी नहीं बन सकी थी। ऐसे में एचएएल और राफेल एक साथ काम नहीं कर सकते थे।
रक्षा मंत्री ने कहा – ”एचएएल पर कांग्रेस को जवाब देना चाहिए। ऑफसेट के रूल- जिससे आप सामान खरीद रहे हैं, वे प्राइवेट या पब्लिक सेक्टर किसी में भी कर सकते हैं। ये उनके जमाने के कानून हैं”।
इस तरह राफेल मामले पर राजनीती लगातार जारी है। पहले कांग्रेस ने कहा था कि वह शाम ४ बजे प्रेस कांफ्रेंस करके कुछ बड़ा खुलासा राफेल के मामले में करेगी लेकिन फिलहाल इसपर पार्टी की तरफ से कोइ जानकारी नहीं आई है।