यूक्रेन और रूस के बीच अगर युद्ध लंबा चला तो, आने वाले दिनों में जो तनाव का माहौल बनेगा उससे तबाही के अलावा देश-दुनिया को काफी महगांई का सामना करना पड़ेगा। जिससे अछूता भारत भी नहीं रहेगा।
इस बारे में जानकारी देते हुये दिल्ली व्यापार संघ के प्रधान विजय प्रकाश का कहना है कि अभी पांच राज्यों में चुनाव चल रहे है। जिसके चलते तामाम पहलुओं के मद्देनजर महगांई को रोका गया है। अन्यथा महगांई देश में दिखने लगती।
दुनिया के कई देशों में डीजल -पेट्रोल के दामों में इजाफा होने से वहां पर खाने -पीने के दामों में बढ़ोत्तरी हुई है। अगर उसी तरह भारत में डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ते है। तो निश्चित तौर पर महगांई का ताडंव हम सबको देखना पड़ेगा। जिससे गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों की जेब पर असर पड़ेगा।
उनका कहना है कि दोनों देसों के बीच चल रहे युद्द के चलते आयात -निर्यात पर असर देखने को मिलने लगा है। रूस में सामान-ना आ पा रहा और ना जा पा रहा है। इसी तरह कई देशों में यहीं हाल हैै। दिल्ली के चांदनी चौक के व्यापारी नेता राकेश यादव का कहना है कि पहले कोरोना की मार से भारत ही नहीं कई दोशों की आर्थिक तंगी से दुनिया जूझी है। अब युद्द से बाजार लडखड़ा रहे है। शेयर बाजार धाराशाही हो रहे है। राकेश यादव ने भारत सरकार से अपील की है कि दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध को देखते हुये व्यापार पर कोई असर न पडे उससे निपटने के लिये सार्थक पहल करें ताकि भारत पर किसी प्रकार का कोई संकट न आ सकें।