यूक्रेन को झटका देने के लिए रूसी कब्जे वाले यूक्रेन के चार राज्यों में जनमत संग्रह के लिए मतदान शुरू हो गया है। रूस ने कहा है कि जनमत संग्रह से निर्धारित होगा कि ये क्षेत्र रूस का अभिन्न हिस्सा बनना चाहते हैं या नहीं। यूक्रेन ने इसे नाजायज करार देते हुए रूस की निंदा की है।
रूस की तरफ से लुहांस्क, जपोरिजिया और दोनेत्स्क के अलावा खेरसन में शुक्रवार सुबह मतदान शुरू हो गया। मतदान की यह प्रक्रिया 27 सितंबर तक चलेगी। इन चारों राज्यों पर रूस का काम या ज्यादा कब्जा है। बता दें यूक्रेन और उसके सहयोगी पहले ही जनमत संग्रह के नतीजों को मान्यता नहीं देने की बात कह चुके हैं।
यूक्रेन और पश्चिमी देशों ने इस जनमत संग्रह का विरोध किया है। यह माना जा रहा है कि इस कदम से रूस ने यूक्रेन पर कब्जे की तरफ एक बड़ा कदम बढ़ा दिया है।
बता दें साल 2014 के बाद से मास्को समर्थित अलगाववादियों का लुहान्स्क और दोनेत्स्क पर नियंत्रण है। वे खुद को ‘स्वतंत्र गणराज्य’ बता चुके हैं।
याद रहे, इस जनमत संग्रह से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इन इलाकों में 3,00,000 आरक्षित सैनिक तैनात करने की घोषणा की थी। इन राज्यों पर नियंत्रण से मास्को का यूक्रेनी क्षेत्र के करीब 15 फीसदी हिस्से पर औपचारिक कब्ज़ा हो जाएगा।
रूस की तरफ से बताया गया था कि कम समय सीमा और तकनीकी उपकरणों की कमी के चलते मशीनों से मतदान नहीं करने का फैसला किया गया है। अब यह वोटिंग मतपत्रों के जरिये होगी। वोट लेने चार दिन तक अधिकारी घर-घर जाएंगे और मतदान केंद्र अंतिम दिन खुलेंगे और तब स्थानीय निवासी वोट डाल सकेंगे।