क्या रूस को लेकर स्टैंड के कारण जून में बावारिया में होने वाले जी-7 की ग्रुप बैठक से भारत को बाहर करने की कोशिश हो रही है ? विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात कही गयी है। इनमें बताया गया कि यूक्रेन युद्ध में रूस की आलोचना करने में ‘आनाकानी’ के कारण भारत के प्रधानमंत्री को इस बैठक में बुलाने को लेकर राय बंटी हुई है, लिहाजा आमंत्रितों की सूची में अभी तक भारत का नाम नहीं जोड़ा किया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल जून में होने वाली इस बैठक की मेजबानी जर्मनी कर रहा है। कहा जा रहा है कि जर्मनी बैठक में सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया को बतौर मेहमान आमंत्रित कर रहा है, हालांकि भारत को आमंत्रित करने को लेकर अभी भी अंतिम फैसला नहीं हुआ है।
इन रिपोर्ट्स में इससे जुड़े एक व्यक्ति को नाम न बताने की शर्त पर उद्धत करते हुए दावा किया गया है कि युद्ध (यूक्रेन-रूस) शुरू होने से पहले तक भारत का नाम मेहमानों की लिस्ट में था, हालांकि, अभी भारत को बुलाने को लेकर मसला अटका हुआ है।
बता दें भारत उन 50 देशों में है, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकर परिषद से रूस को बाहर करने के लिए हुई वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था। दूसरे युद्ध के बाद भारत ने रूस पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया है।
रिपोर्ट्स में जर्मनी के सरकारी प्रवक्ता स्टेफेन हेबेस्ट्रीट को उद्धत करते हुए कहा गया है कि ‘जैसे ही मेहमानों की सूची पर आखिरी फैसला होता है, राजधानी बर्लिन से इसे लेकर फैसला सुना दिया जाएगा।’ भारत ने फिलहाल इसपर कोई प्रतिक्रिया अभी नहीं दी है।