‘रख तू हौसला बुलंद, रख तू हौसला बुलंद
मत बैठ तू अपनी िकस्मत के भरोसे
बदल दे अपनी िकस्मत को मेहनत से
कामयाबी कदम चूमेगी एक-न-एक दिन’
एक समय तो ऐसा था कि महिलाओं को जंग के नाम पर हल्के में लिया जाता था, क्योंकि उन्हें कमज़ोर दिल वाला समझा जाता था; लेकिन बदलते वक्त और समय की माँग ने इसे गलत साबित कर दिया। लैंगिक मतभेद की धारणा को तोड़ते हुए देश की बेटियाँ जब, जहाँ भी ज़रूरत पड़ी, एक कदम आगे ही नज़र आयीं। भारतीय नौसेना के इतिहास में पहली बार दो महिला अफसरों सब-लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी और सब-लेफ्टिनेंट रीति सिंह के युद्धपोत पर तैनाती का रास्ता साफ होना इसका प्रमाण है। इन दोनों जाँबाज़ों को हेलिकॉप्टर स्ट्रीम में ऑब्जर्वर (एयरबोर्न टैक्निशियंस) के पद के लिए चुन लिया गया है।
सब-लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी और सब-लेफ्टिनेंट रीति सिंह समेत 17 अफसरों को 21 सितंबर को ऑब्जर्वर के रूप में स्नातक होने पर विंग्स से सम्मानित किया गया। यानी ये सभी महिलाएँ देश में युद्ध में ज़रूरत पडऩे पर अग्रिम मोर्चे की तैनाती के लिए तैयार हैं। इनमें से दोनों सब-लेफ्टिनेंट तो इसका प्रशिक्षण लेना भी शुरू कर देंगी। कोच्चि में आईएनएस गरुड़ पर एक भव्य कार्यक्रम के माध्यम से उपरोक्त महिला जाँबाज़ों को सम्मानित किया गया। इनमें 13 अफसर रेगुलर बैच से हैं और चार महिला अफसर शॉर्ट सर्विस कमीशन से हैं। ये अफसर भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के समुद्री टोही विमानों और पनडुब्बी-रोधी जंगी जहाज़ों में दुश्मनों से लोहा लेने के लिए 24 घंटे मुस्तैद रहने को तैयार होंगी। रियर एडमिरल एंटनी जॉर्ज ने इस अवसर को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि पहली बार भारतीय नौसेना में महिलाओं को हेलिकॉप्टर ऑपरेशन की ट्रेनिंग दी जा रही है। 91वें रेगुलर कोर्स और 22वें एसएससी ऑब्जर्वर कोर्स के अफसरों को एयर नेविगेशन, फ्लाइंग प्रोसिजर, एयर वॉरफेयर, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर का प्रशिक्षण दिया गया। यह न सिर्फ महिलाओं में हौसलों की उड़ान भरेगा, बल्कि उनमें एक नया जोश व ज•बा पैदा कर देश की युद्ध कौशल क्षमता को और मज़बूती प्रदान करेगा। गाज़ियाबाद की रहने वाली सब-लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी और सब-लेफ्टिनेंट रीति सिंह देश की पहली दो बेटियाँ एयरबोर्न टेक्नीशियन होंगी, जिनको युद्धपोत में क्रू के तौर पर तैनात किया जाएगा। अब तक महिलाओं की एंट्री फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट तक सीमित थी, जो समुद्र तट के पास ही टेक ऑफ और लैंडिंग किया करते थे।
महिला पायलट को राफेल की ट्रेनिंग
महिला अफसरों को जंगी जहाज़ों पर तैनाती के बीच ही भारतीय वायुसेना ने भी महिला लड़ाकू पायलट को अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमानों की फ्लीट को ऑपरेट करने के लिए शॉर्टलिस्ट किया है। अंबाला में भारतीय वायुसेना के राफेल स्क्वाड्रन ने पहली महिला फाइटर को ट्रेनिंग देना भी शुरू कर दिया है। जल्द ही राफेल के लिए महिला पायलट मिल जाएगी। गोल्डन ऐरो स्क्वाड्रन में इस जाँबाज़ महिला फाइटर को शामिल किया जाएगा, जिसमें राफेल विमानों को शामिल किया गया है। अभी तक इस स्क्वाड्रन में पुरुष फाइटर पायलट ही शामिल थे। पिछले महीने ही फ्रांस से पाँच लड़ाकू विमान आये थे; जिनको हाल ही में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया है। हरियाणा के अंबाला एयरबेस में ये पाँच राफेल लड़ाकू विमान हैं। बता दें कि भारत ने फ्रांस से 36 राफेल जेट खरीदे हैं। बाकी 31 अगले साल के अन्त तक आने हैं। फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह राफेल लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली महिला पायलट होंगी। वाराणसी निवासी शिवांगी करीब सवा महीने से अंबाला में ट्रेनिंग ले रही हैं। उनकी ट्रेनिंग पूरी होते ही उन्हें यह ज़िम्मेदारी सौंपी जाएगी। अभी वायुसेना में 10 महिला फाइटर पायलट और 18 नेविगेटर हैं। वायुसेना में महिला अधिकारियों की संख्या 1875 है। 2018 में फ्लाइंग ऑफिसर अवनि चतुर्वेदी अकेले लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहना सिंह और फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ पहली बार बतौर फाइटर पायलट वायुसेना में शामिल हुई थीं।