उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिव सेना राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर ताल ठोंक रही है। ठाकरे ने आज राम लला के दर्शन कर कहा – ”वहां कुछ आलोकिक अनुभव हुआ। लेकिन ऐसा लगा मैं मंदिर नहीं, जेल में राम के दर्शन कर रहा हूँ।” मोदी सरकार को उन्होंने साफ़ शब्दों में चेतावनी दी की चुनाव में राम मंदिर याद आ जाता है। ”यह (मोदी) सरकार (दोबारा) बने न बने, मंदिर तो ज़रूर बनेगा।
उनका भाजपा पर आज सीधा निशाना था। कहा – राम मंदिर उनके (भाजपा के) चुनाव मेनिफेस्टो में था। यदि वीणा कोर्ट को पूछे डीमोनेटाइजेशन हो सकती है, ट्रिप्पल तलाक का क़ानून आ सकता है तो राम मंदिर क्यों नहीं बन सकता।” सीधे-सीधे मोदी सरकार और भाजपा पर ठाकरे ने राम मंदिर नहीं बन पाने का ठीकरा फोड़ दिया है।” दर्शन के बाद ठाकरे ने मीडिया से भी बात की।
ठाकरे ने कहा कि यह सरकार मजबूत (अपने बहुमत वाली) सरकार है। चार साल से ज्यादा हो गए। कुछ ही महीने चुनाव के बचे हैं। लेकिन इन सालों में मंदिर पर चुप रहे। लोग कहते हैं चुनाव आते हैं तो उन्हें राम मंदिर याद आ जाता है। अब यह सरकार (दुबारा) बने न बने राम मंदिर ज़रूर बनेगा। कल ही ठाकरे ने मोदी सरकार को उलाहना दिया था – कुम्भकर्णो जागो। आज भी कमोवेश यही शब्द दोहराये। वे पति और बेटे के साथ राम लाल के दर्शन करने भी आज गए।
उन्होंने कहा कि वे अयोध्या में देश भर के लोगों की राम मंदिर के प्रति भावनाओं का सन्देश लेकर आये हैं। उन्होंने कहा चुनाव (लोकसभा) को कुछ ही महीने रह गए हैं। सरकार को अध्यादेश या जो भी संभव है लाना चाहिए ताकि राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ़ हो सके। हिन्दू भावना से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। ठाकरे ने भाजपा को सलाह दी कि साढ़े चार साल तक (मोदी) सरकार मंदिर के लिए कुछ नहीं कर पाई इसलिए वह इस मसले को चुनाव में भुनाने की कोशिश न करे क्योंकि उसका कोइ नैतिक अधिकार नहीं।
इस बीच आज अयोध्या में वीएचपी की धर्म सभा है। वहां सुरक्षा के मजबूत इंतजाम का दावा योगी सरकार ने किया है। हज़ारों-हज़ार की संख्या में वीएचपी के कार्यकर्ता और राम भक्त अयोध्या में मौजूद हैं जो लगातार राम लला की जय और मंदिर वहीं बनाएंगे के नारे गूंजा रहे हैं। यह ख़बरें मीडिया में आ चुकी हैं कि तनाव के खतरे को देखते हुए मुस्लिम आबादी डरी हुई है और लोगों ने अगले कुछ दिन का राशन-पानी घरों में जमा करके रख लिया है।