अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में विदेश और वित्त मंत्री रहे वरिष्ठ नेता, जिन्होंने दो दिन पहले ममता बनर्जी की टीएमसी ज्वाइन की थी, को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है साथ ही उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति में भी जगह दी गयी है। चुनाव के समय यशवंत सिन्हा के टीएमसी में जाने से बंगाल में खासी हलचल है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा शनिवार को टीएमसी में शामिल हुए थे। उन्होंने ममता बनर्जी को ‘रियल फाइटर’ की संज्ञा दी थी। सिन्हा ने यह भी कहा था कि ‘दीदी पर हुए हमले के बाद उन्होंने तय कर लिया था कि वह टीएमसी में जाएंगे’। उन्होंने तब यह भी कहा था कि भाजपा अब अटल जी के जमाने की भाजपा नहीं रह गयी। सिन्हा ने कहा था कि अब भाजपा के पास बचा ही कौन है।
सिन्हा ने कहा था कि गठबंधन के तमाम सहयोगी दल भाजपा को छोड़ चुके हैं। यशवंत सिन्हा ने यह भी खुलासा किया था कि ममता बनर्जी ने कंधार विमान अपहरण घटना के समय खुद को आतंकियों के समक्ष पेश करने की बात कही थी। यशवंत के मुताबिक – ‘विमान अपहरण कांड के दौरान उच्च स्तरीय बैठक चल रही थी और इसी दौरान ममता बनर्जी ने ऑफर किया कि वे आतंकियों के समक्ष खुद को बंधक के तौर पर पेश करने के लिए तैयार हैं। शर्त बस इतनी होगी कि बंधक बनाए गए यात्रियों को आतंकी छोड़ दें।’
वाजपेयी के बहुत करीबी और उनकी सरकार में बहुत प्रभावशाली रहे यशवंत सिन्हा को लेकर कहा जाता है कि वे शुरू से नरेंद्र मोदी की सोच और नीतियों से असहमत रहे हैं। सिन्हा 2014 के बाद से ही भाजपा नेतृत्व से नाराज थे। पिछले सालों में कई बार उन्होंने पार्टी नेतृत्व और केंद्र सरकार के फैसलों पर सवाल उठाए हैं। साल 2018 में वे हुड भाजपा से बाहर चले गए थे। दो साल के बाद पश्चिम बंगाल चुनाव के मौके पर सिन्हा टीएमसी में शामिल हुए हैं।