यूपीए से राष्ट्रीय पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह चुनाव जरूर राष्ट्रपति का लड़ रहे है लेकिन चुनाव में हार-जीत हो इसकी कोई बात नहीं है और मौजूदा सरकार के विरोध में अंतिम सांस तक लड़ेगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में आज लोकतांत्रिक सिस्टम न के बराबर है।उन्होंने कहा कि वे केरल से वे अपनी चुनावी यात्रा शुरू करेगे। और पूरे देश की राजधानियों में जाकर वोट मांगेगे। यशवंत सिंह ने कहा कि आज बहुत सी ऐसी पार्टियां है । जिनमें आंतरिक लोकतंत्र कम ही बचा है।
उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बात हुई हैं। तो उन्होंने बताया कि चुनाव के समय में ही अपना मत का ऐलान करेंगे।फिल हाल उन्होंने अभी अपने पत्ते नहीं खोले है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में समाज को बांटने का काम किया जा रहा है। देश में तमाम समस्याएं है उस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मौजूदा समय में विदेश यात्रा में है । वहां पर क्या बात करते है। इसकी जानकारी विपक्ष को नहीं लगती है। लेकिन इतना जरूर है।
जो लोग भारत के वहां पर रहते है उनके साथ जरूर बड़ी -बड़ी बात करते है। यशवंत सिन्हा ने बताया कि वे भी एक समय में भाजपा के नेता रहे है। तब भाजपा कुछ और थी और आज कुछ और है। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई का जिक्र करते हुए कहा जब अटल बिहारी बाजपेई की सरकार एक वोट से गिरी थी। तब अटल बिहारी बाजपेई ने कहा था कि मंडी सजी हुई थी समान बिक रहा था लेकिन उन्होंने खरीद- फरोख्त नहीं की थी।
मतलब साफ है कि आज के समय में कोई एक वोट से सरकार गिर जाये संभव नहीं है। क्योंकि आज की राजनीति में तोड़-फोड़ और खरीद-फरोख्त पर बल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि उनका बेटा जयंत सिन्हा राजधर्म का पालन कर रहा है और वे राष्ट्र धर्म का पालन कर रहे है।
यशवंत सिन्हा ने कहा कि एक दौर वो था जब राष्ट्रपति का चुनाव होता था। तब क्षेत्र बाद और जातिवाद की कोई बात नहीं होती थी लेकिन मौजूदा समय में जातिवाद के नाम पर राजनीति हो रही है। जो लोकतंत्र के लिये ठीक नहीं है। फिलहाल चुनाव 18 जुलाई को है।