गुज़रे ज़माने की जानी मानी बॉलीवुड एक्ट्रेस मौसमी चटर्जी की बेटी पायल डिकी सिन्हा की बीते दिनों लम्बी बीमारी के बाद मौत हो गयी। 45 साल की पायल दो साल से टाइप-1 डायबिटीज से लड़ रही थीं और 2018 से ही कोमा में थीं।
चटर्जी फैमिली के नज़दीकियों से मिली खबर के अनुसार, मौसमी चटर्जी और उनके हस्बैंड जयंत मुखर्जी उनकी बेटी पायल की मौत के लिए उसके हस्बैंड डिकी सिन्हा को ही ज़िम्मेदार मानते हैं। उनका कहना है कि डिकी सिन्हा ने साज़िश के तहत उनकी बेटी की हत्या की है।
सूत्रों के मुताबिक, मौसमी चटर्जी ने सितंबर, 2019 में मुम्बई के खार पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसकी कॉपी तहलका के पास मौजूद है। अपनी इस एफआईआर में मौसमी चटर्जी ने आशंका जतायी थी कि उनकी बेटी पायल को उसका पति डिकी सिन्हा सोची-समझी प्लानिंग के तहत उसे मौत की ओर धकेल रहा है।
अपनी एफआईआर में मौसमी चटर्जी ने दामाद डिकी सिन्हा पर यह भी आरोप लगाये हैं कि डिकी ने धोखे से पायल से शादी की। शादी से पहले डिकी ने खुद को असम के बड़े घराने का मेंबर बताया था और खुद को मल्टीनेशनल कम्पनी का मुलाजिम; जबकि शादी के बाद पता चला कि उसका बैकग्राउंड उसकी बातों से मेल नहीं खाता था।
इतना ही नहीं मौसमी चटर्जी ने एफआईआर में यह भी लिखा है कि डिकी दहेज के लिए पायल को टॉर्चर करता था और अपनी बेटी की खुशियों की खातिर उन्होंने समय-समय पर मोटी रकम डिकी को दी। यहाँ तक कि डिकी की डिमांड पूरी करने के लिए उन्होंने अपना पाँच करोड़ रुपये की कीमत का फ्लैट महज दो करोड़ रुपये में एक को-ऑपरेटिव बैंक के पास गिरवी रख दिया था, जो बाद में िकश्त न भर पाने की वजह से बैंक ने ज़ब्त कर लिया।
गौरतलब हो कि मौसमी चटर्जी और उनके पति जयंत मुखर्जी ने 22 नवंबर, 2018 को बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए आरोप लगाये थे कि डिकी ने कथित तौर पर पायल का फिजियोथेरेपी ट्रीटमेंट रोकने के साथ-साथ अस्पताल से आयी हेल्पर्स को काम से हटा दिया है और यह सब डिकी साज़िश के तहत कर रहा है।
अपनी इस याचिका में मौसमी चटर्जी और जयंत मुखर्जी ने कोर्ट से अनुरोध किया था कि उन्हें उनकी बेटी पायल की देखभाल की ज़िम्मेदारी दी जाए।
बता दें कि खार पुलिस स्टेशन में दी एफआईआर में मौसमी चटर्जी ने डिकी पर आरोप लगाए हैं कि डिकी के टॉर्चर की वजह से उनकी बेटी मरने पर आमादा थी, जिस वजह से उसने इन्सुलिन लेनी बन्द कर दी थी और उसकी हालत बिगड़ती गयी, जिससे वह कोमा में चली गयी।
इस मसले पर तहलका संवाददाता ने मौसमी चटर्जी के वकील श्रेयांश मिठारे से कांटेक्ट किया; लेकिन उन्होंने ‘नो कमेंट’ कहते हुए िफलहाल किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया। बता दें कि खार पुलिस ने डिकी सिन्हा के िखलाफ आईपीसी की धारा 498 (ए) और 506 के तहत केस रजिस्टर किया था। खार पुलिस ने पायल की मेडिकल रिपोर्ट भी जाँच के लिए जे.जे. हॉस्पिटल रेफर की थी।
खार पुलिस स्टेशन के सीनियर पीआई गजानन कबदुल्ले ने कहा कि पायल का क्या इलाज चल रहा था, उसके लिए रिपोर्ट भेजी है; लेकिन उसका पायल की मौत के साथ उसका कोई सम्बन्ध नहीं है।