राफेल पर अंग्रेजी अखबार ”द हिन्दू” ने दस्तावेजों सहित नया खुलासा किया है। इसके मुताबिक राफेल सौद्दे पर हस्ताक्षर से पहले भ्रष्टाचार विरोधी जुर्माने के प्रमुख प्रावधान और एक एस्क्रो अकाउंट हटा दिया गया था। अखबार का कहना है कि रक्षा सौदों में भ्रष्टाचार खत्म करने पर जोर देने का दावा करने वाली मोदी सरकार की ओर से राफेल डील में बड़ी रियायत बरती गई थी। अखबार के खुलासे के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दुबारा पीएम मोदी पर हमला बोला है।
अपनी नई रिपोर्ट में अखबार ने आधिकारिक दस्तावेजों का हवाला देते हुए दावा किया है कि तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद ने सितंबर २०१६ में दो सरकारों के बीच हुए एग्रीमेंट, सप्लाई प्रोटोकॉल, ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट और ऑफसेट शेड्यूल में आठ बदलाव किए थे।
अखबार की रिपोर्ट में कहा गया है कि राफेल सौदे में ”उच्च स्तरीय राजनीतिक दखलंदाजी” हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक – ”अनुचित प्रभाव के इस्तेमाल पर जुर्माना, एजेंट कमीशन, दैसो और एमबीडीए फ्रांस कंपनी के खाते तक पहुंच के प्रावधान डील के मसौदे से हटा दिए गए थे।”
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को ”द हिंदू” के नए खुलासे के बाद दुबारा पीएम मोदी पर सीधा हमला किया है। उन्होंने लखनऊ जाने से पहले दिल्ली में आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायुडु की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में मोदी पर निशाना साधा।
इस बीच अखबार की नई रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि २३ सितंबर, २०१६ को भारत और फ्रांस के बीच हुए एग्रीमेंट के मुताबिक डसाल्ट राफेल विमानों की सप्लायर है और एमबीडीए फ्रांस भारतीय वायुसेना के लिए हथियारों की सप्लायर है। रिपोर्ट के मुताबिक राफेल सौदे का एग्रीमेंट और दस्तावेजों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी (सिक्योरिटी) २४ अगस्त, २०१६ को ही मंजूर कर चुकी थी। कुछ रोज पहले भी ”द हिन्दू” ने खुलासा किया था कि डील के समय पीएम कार्यालय (पीएमओ) की तरफ से समानांतर (पैरलेल) वार्ता की जा रही थी। रक्षा मंत्रालय ने हालाँकि आपत्ति जताते हुए अखबार पर ”अधूरे दस्तावेज छपने” का आरोप लगाया था। अब नए खुलासे के बाद मोदी सरकार पर नया संकट खड़ा हो गया है क्योंकि नया खुलासा बहुत गंभीर प्रतीत होता है।