महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के सहयोग से सत्ता में आने वाले शिव सेना ने अपने पुराने स्टैंड में पहला बड़ा बदलाव करते हुए मोदी सरकार के संसद में पेश किये जाने पर नागरिकता संशोधन बिल का विरोध कारण का फैसला किया है। भाजपा के लिए यह बड़ा झटका इसलिए भी है कि शिव सेना हाल के महीनों तक इस बिल का समर्थन करती रही थी।
शिव सेना सांसद राजेन्द्र गावित ने मंत्रिमंडल के इस बिल हो हरी झंडी दिखाने के बाद कहा कि भारत का जो गठन है वह सेकुलर स्टेट के तौर पर हुआ है। शिव सेना सांसद ने कहा – ”भारत एक सेकुलर स्टेट है तो भारत हिंदू राष्ट्र कैसे बन जाएगा। भारत तो सेकुलर ही रहेगा।” मोदी सरकार जब भी इस बिल को संसद में पेश करेगी, तो पार्टी इसके खिलाफ वोट करेगी।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नागरिकता संशोधन बिल को आज सुबह ही मंजूरी दी है। मोदी सरकार इस बिल को अब संसद पेश करने की तैयारी कर रही है।
उधर कांग्रेस सांसद शशी थरूर ने कहा कि इस बिल का मतलब है धर्म के आधार पर नागरिकता में भेदभाव करना जो हमें मंजूर नहीं है। गौरतलब है कि कमोवेश पूरा का पूरा विपक्ष ही नहीं सरकार के कुछ घटक दल भी इस बिल के संभावित प्रावधानों का सख्त विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क है कि धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
इस विधेयक को १९ जुलाई, २०१६ को लोकसभा में पेश किया गया था और १२ अगस्त, २०१६ को इसे संयुक्त संसदीय कमिटी के पास भेजा गया था। कमिटी ने ७ जनवरी, २०१९ को अपनी रिपोर्ट सौंपी और ८ जनवरी को विधेयक को लोकसभा में पास किया गया, लेकिन उस समय राज्यसभा में यह विधेयक पेश नहीं हो पाया था। इस विधेयक को शीतकालीन सत्र में सरकार की फिर से नए सिरे पेश करने की तैयारी है। अब फिर से संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद ही यह कानून बन पाएगा।