मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के ‘भारत बंद’ का देश भर में व्यापक असर दिखा है। रेल सेवाओं से लेकर परिवहन और व्यापार पर इसका बड़े पैमाने पर प्रभाव पड़ा है। दिल्ली, अंबाला और फिरोजपुर डिवीजन में किसान 30 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर बैठे रहे। बंद के कारण 31 ट्रेनें प्रभावित हुई जबकि 4 शताब्दी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। बंद शाम छह बजे तक चलेगा।
संयुक्त किसान मोर्चे ने दावा किया है कि बंद संपूर्ण रहा है। मोर्चे का दावा है कि संपूर्ण भारत बंद के तहत सभी दुकानें, मॉल, बाजार और संस्थान बंद हैं। सभी छोटे और बड़े मार्ग अवरुद्ध किए गए हैं और ट्रेनों को रोका गया है। एंबुलेंस और अन्य आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं बंद हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक किसानों के ‘भारत बंद’ के तहत भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के सदस्यों ने शुक्रवार सड़कें जाम कर दीं। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली-सहारनपुर राष्ट्रीय राजमार्ग और मुज़फ्फरनगर-देवबंद मार्ग जाम किया। बंद का आह्वान दिल्ली से लगी तीन सीमाओं-सिंघू, गाजीपुर और टीकरी पर किसान आंदोलन के चार महीने पूरे होने पर किया गया है। कुछ जगह किसान नेताओं को गिरफ्तार भी किया गया है।
भारत बंद का असर कई राज्यों में दिखाई दिया। पंजाब में किसान मजदूर संघर्ष समिति के सदस्यों ने अमृतसर-दिल्ली रेलवे लाइन को जाम कर दिया। समिति सदस्य रेलवे पटरियों पर बैठे जिस कारण इस मार्ग पर रेल का परिचालन ठहर गया। देश के किसान मांग कर रहे हैं कि केंद्र सरकार हाल ही में पास हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस ले।
उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया – ‘सुबह नौ बजे आंदोलनकारी किसान 32 स्थानों पर बैठे देखे गए। कुल 31 ट्रेनों को रोका गया है। चार शताब्दी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने दिल्ली के सिंघू, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन के चार महीने पूरे होने पर सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे तक बंद का आह्वान किया है।
पंजाब और हरियाणा में कई राष्ट्रीय राजमार्गों, प्रमुख सड़कों और कुछ रेलवे पटरियों पर किसान एकत्र हुए। सुरक्षा उपायों के तहत दोनों राज्यों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। किसान बठिंडा, लुधियाना, अमृतसर, पटियाला, मोहाली, रोहतक, झज्जर और भिवानी जिलों सहित दोनों राज्यों में कई जगहों पर कई राजमार्गों और सड़कों पर एकत्र हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने पंजाब और हरियाणा में 32 स्थानों पर रेल पटरियों को अवरूद्ध कर दिया, जिससे रेल यातायात बाधित हुआ।