कोरोना संकट के बीच केंद्र में मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि अध्यादेशों को किसान विरोधी बताते हुए हरियाणा में भारी विरोध शुरू हो गया है। वीरवार को कुरुक्षेत्र में हजारों किसान सड़कों पर उतर आए। भारतीय किसान संघ और अन्य किसान संगठनों ने कुरुक्षेत्र के पिपली में नेशनल हाईवे-22 पर चक्का जाम कर दिया। किसानों के इस आंदोलन को हरियाणा कांग्रेस ने समर्थन दिया हुआ है। अब देश के अन्य हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन का दौर शुरू हो सकता है। किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए और लंबा जाम लगने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।
हरियाणा में सड़कों पर पर उतरे किसान केंद्र सरकार के उन तीन अध्यादेशों का विरोध कर रहे हैं, जो कि मंडियों और किसानों से जुड़े हुए हैं। मोदी सरकार ने अध्यादेशों के जरिए फसलों के खरीद संबंधी नए नियम बनाए हैं, जिससे किसानों में नाराजगी है।
क्या हैं ये तीन अध्यादेश
पहले अध्यादेश के अनुसार, अब व्यापारी मंडी से बाहर भी किसानों की फसल खरीद सकेंगे। पहले किसानों की फसल को सिर्फ मंडी से ही खरीदी जा सकता था। वहीं केंद्र ने अब दाल, आलू, प्याज, अनाज, खाद्य तेल आदि को आवश्यक वस्तु के नियम से बाहर करके इसकी स्टॉक सीमा खत्म कर दी है। इन दोनों के अलावा केंद्र ने ठेके पर किसानी को बढ़ावा दिया जाने की नीति पर भी काम शुरू किया है। इन सबको लेकर किसानों में नाराजगी है।
तमाम सख्ती के बावजूद जुटे किसान
राज्य सरकार ने रैली को प्रतिबंधित करते हुए धारा-144 लागू किए जाने का ऐलान किया था। लेकिन इसका कोई असर नहीं दिखा। किसान बचाओ, मंडी बचाओ रैली के लिए किसानों को पिपली अनाज मंडी में पहुंचने से रोकने के लिए जिला प्रशासन की तमाम तैयारियां धरी की धरी रह गईं। तमाम पुख्ता सुरक्षा के दावों के बावजूद सैकड़ों किसान वहां अलग-अलग वाहनों से पहुंचने में सफल रहे। कुरुक्षेत्र में दयालपुर चैराहे पर लगाए गए पुलिस बैरियर को तोड़ते हुए ट्रैक्टर और अन्य वाहनों से भी किसान व उनके समर्थक पहुंचे।