एक ओर देश में जहां नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध हो रहा है और केरल क बाद पंजाब सरकार ने इस कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया है। वहीं, दूसरी ओर अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बीच मनमुटाव है, जिससे देश पिसने को मजबूर है। बघेल ने रायपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि अमित शाह कहते हैं कि एनआरसी लागू होगा और प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि अभी इस पर कोई चर्चा ही नहीं हुई है यानी लागू करना तो दूर की बात है।
उन्होंने कहा कि सोचने वाली बात ये है कि इनमें से कोई एक तो झूठ बोल रहा है। ये आप लोगों को तय करना है कि झूठ कौन बोल रहा है और सच कौन है। एकबारगी प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि वह सही है, वहीं दूसरी ओर गृहमंत्री कहते हैं कि वह सही कह रहे हैं। बघेल ने कहा कि दोनों के बीच में मनमुटाव हो गया है और इसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ रहा है। इससे सचेत होने की आवश्यकता है।
छत्तीसगढ़ के सीएम ने कहा कि आज देश में महंगाई, मंदी और बेरोजगारी चरम पर है, लेकिन कहीं पर भी मुख्य धारा की मीडिया में उसकी चर्चा नहीं हो रही है। जिम्मेदार नागरिक होने के नाते यह सवाल उठाना जरूरी है कि कहीं यह अपमानजनक नहीं होगा कि आप अपने मां-बाप से उनके जन्म का प्रमाणपत्र मांगेंगे। छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में गरीबी रेखा से नीचे लोग जीवन बिताते हैं और उनके पास ऐसे कोई सबूत नहीं होंगे जिनसे उनके जन्म प्रमाण को साबित किया जा सके। अच्छी खासी तादाद आदिवासियों की है, वे कहां से दस्तावेज लाएंगे। जिनके पास जमीन नहीं है, वे किसके दर पर ठोकरें खाने को मजबूर होंगे। सरकार यही तो चाहती है कि जब आप खुद को प्रमाणित नहीं कर पाओग तो फिर अहसान करेगी कि आपको फिर से हिंदुस्तानी बनाया जा रहा है।