साल 2019 के लोकसभा चुनाव में दोबारा सरकार बनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अपने मंत्रिमंडल का पहला विस्तार और फेरबदल करेंगे। राष्ट्रपति भवन को इस बाबत सूचना भेज दी गयी है। इसके लिए कार्यक्रम कल शाम 6 बजे हो सकता है। कल के विस्तार में क्षेत्रीय, जातीय और दलीय समीकरणों का ख़ास ख्याल रखा जाएगा।
कल के विस्तार/फेरबदल में काफी युवा चेहरों को लिए जाने की संभावना है। हाल में पीएम मोदी ने अपने सभी 52 मंत्रियों के कामकाज का हिसाब किताब लिया था। पिछले शासनकाल में भी वे मंत्रियों के कामकाज का हिसाब मांगते रहे हैं। हाल के बंगाल विधानसभा चुनाव में बड़ी हार के बाद भाजपा काफी ज्यादा दबाव में है और अगले साल होने वाले पांच विधानसभा चुनाव से पहले अपनी हालत मजबूत करना चाहती है।
अभी तक की जानकारी के मुताबिक कल के विस्तार/फेरबदल में जातिगत समीकरणों का ख़ास ध्यान रखा जाएगा। चुनाव वाले राज्यों को भी ख़ास तरजीह दी जाएगी। करीब 7 मंत्री सरकार से बाहर करके संगठन में लिए जा सकते हैं। मंत्री थावर चंद गहलोत को तो आज ही राज्यपाल बनाकर कर्नाटक भेजने का फरमान जारी कर दिया गया है।
कल के विस्तार में 23 से 28 के बीच नए मंत्री बनाये जा सकते हैं। अभी तक की ख़बरों के मुताबिक जिन सांसदों के मंत्री बनने की चर्चा है उनमें सर्बानंद सोनोवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, नारायण राणे, जाम्यांग नामग्याल, ललन सिंह, संतोष कुशवाह, कपिल पाटिल, पशुपति पारस, विनोद सोनकर, सकलदीप राजभर, अजय मिश्रा, शांतनु ठाकुर, सुशील मोदी, राजीव रंजन, अनुप्रिया पटेल, वरुण गांधी और प्रवीण निषाद, रामनाथ ठाकुर, चंदेश्वर प्रसाद आदि शामिल हैं।
केबिनेट विस्तार का एक कारण मोदी सरकार में इस वक्त कई मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालय होना भी है। पीयूष गोयल और हरदीप पुरी जैसे मंत्री एक से ज्यादा मंत्रालयों का काम देख रहे हैं। यदि 25 मंत्रियों को भी विस्तार में मंत्रिमंडल में जगह मिलती है तो इन मंत्रियों का बोझ काम हो जाएगा।