विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को साफ़ कर दिया कि भारत के पीएम नरेंद्र मोदी इस साल पाकिस्तान में होने वाले सार्क शिखर सम्मलेन में हिस्सा लेने पाकिस्तान नहीं जायेंगे। सुषमा ने कहा कि आतंक और बातचीत साफ़-साफ़ नहीं चल सकते।
सुषमा का यह ब्यान पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के करतारपुर कॉरिडोर की आधारशीला रखने के बीच आया है। शिलान्यास के मौके पर मोदी सरकार के दो मंत्री और पंजाब के मंत्री नवजोत सिद्धू भी थे। इमरान ने शिलान्यास के मौके पर अपने भाषण में कश्मीर का राग अलापा जिससे भी भारत नाराज है। उनके भाषण के तुरंत बाद भारत ने कश्मीर को अपना अभिन्न अंग बताया।
वैसे करतारपुर कॉरिडोर के पाकिस्तान वाले हिस्से की आधारशिला को देखते हुए बहुत लोग इसे अच्छी शुरुआत मान रहे हैं हालाँकि फिलहाल इसपर कोइ सकारात्मक संकेत अभी नहीं दिखे हैं। माना जा रहा है कि बाबा नानक के बहाने दोनों देशों के बीच दोस्ती के रास्ते खुल सकते हैं।
उधर सुषमा स्वराज ने हैदराबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आतंक और बातचीत दोनों साथ नहीं चल सकते। सुषमा स्वराज के इस बयान के पाकिस्तान की उन उम्मीदों को भी झटका लगा है जिसमें वो प्रधानमंत्री मोदी को सार्क सम्मेलन के लिए बुलाना चाहता है।
सुषमा ने कहा – ”काफी साल से भारत सरकार इस कॉरिडोर के लिए कहती रही है। इस बार पाकिस्तान ने सकारात्मक जवाब दिया है। इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि इसकी वजह से द्विपक्षीय वार्ता शुरू होगी, आतंक और बातचीत साथ साथ नहीं चल सकते।”
करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम के लिए पाकिस्तान ने स्वराज को भी न्योता भेजा था लेकिन तेलंगाना में पहले से चुनाव कार्यक्रम होने के कारण जाने से मन कर दिया था। उनकी अनुपस्थिति में कार्यक्रम में हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी भारत का प्रतिनिधित्व किया।