प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ओडिशा दौरे के दौरान उनके हेलिकॉप्टर की तलाशी लेने वाले एक आईएएस अफसर मोहम्मद मोहसिन को निलंबित कर दिया गया है। यह अधिकारी संबलपुर लोकसभा क्षेत्र में सामान्य पर्यवेक्षक के तौर पर तैनात थे। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि उनके प्लेन की अचानक हुई चेकिंग की वजह से पीएम मोदी को १५ मिनट तक इंतजार करना पड़ा।
चुनाव आयोग के आदेश के मुताबिक आईएएस अधिकारी ने एसपीजी सुरक्षा से जुड़े निर्वाचन आयोग के निर्देश का पालन नहीं किया। कांग्रेस ने इस घटना पर सवाल उठाये हैं।
आयोग ने अधिकारी को निलंबित करने वाले अपने आदेश में कहा कि मोहसिन ने एसपीजी सुरक्षा के तहत गणमान्य व्यक्तियों के निर्देशों के अनुरूप अपनी ड्यूटी को अंजाम नहीं दिया। इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जा रहा है। जिला कलेक्टर और पुलिस महानिदेशक की रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने संबलपुर के सामान्य पर्यवेक्षक को घटना के एक दिन बाद निलंबित कर दिया गया। यह घटना मंगलवार की है।
उधर विपक्षी कांग्रेस ने पार्टी के आधिकारिक हैंडल से एक ट्वीट कर इस पर सवाल उठाये हैं। पार्टी ने कहा – ”चुनाव आयोग ने एक अधिकारी को वाहनों की जांच का उसका काम करने के लिए निलंबित कर दिया गया। प्रचार में इस्तेमाल होने वाले वाहन नियमों के दायरे में आते हैं। प्रधानमंत्री के वाहन को तलाशी से छूट नहीं मिलती। मोदी हेलिकॉप्टर में ऐसा क्या ले जाते हैं जो वो भारत को देखने देना नहीं चाहते।
गौरतलब है कि मोहसिन १९९६ बैच के कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें जनरल ऑब्जर्वर के तौर पर नियुक्त किया गया था। मंगलवार को जब पीएम मोदी रैली के लिए संबलपुर पहुंचे थे, उस समय उनकी टीम ने पीएम के हेलिकॉप्टर की तलाशी ली थी। जिला कलेक्टर और पुलिस महानिदेशक की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग ने मोहम्मद मोहसिन को घटना के एक दिन बाद निलंबित कर दिया गया।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक संबलपुर में प्रधानमंत्री के हेलिकॉप्टर की जांच करना निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत नहीं था। एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों को ऐसी जांच से छूट मिली होती है। मंगलवार को ओडिशा के ही राउरकेला में चुनाव अधिकारियों के उड़नदस्ते ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सामान की भी जांच की थी।