भारत की शान कही जाने वालीं दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम विश्व महिला मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के ४८ किलो भारवर्ग के फाइनल में पहुँच गयी हैं। फाइनल में उनका मुकाबला यूक्रेन की हना ओखोटा से होगा। यदि वो फाइनल जीत जातीं हैं तो दुनिया में विश्व मुक्केबाजी में पुरषों और महिलाओं में ७ मैडल जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी हो जाएंगी।
अपना शानदार अभियान जारी रखते हुए सेमीफाइनल में उत्तर कोरिया की किम ह्यांग मी को बेहतरीन मुकाबले में ५-० से हराकर फाइनल में जगह बनाई। इसी के साथ मैरीकॉम ने विश्व चैम्पियनशिप में अपने छठे स्वर्ण पदक की ओर कदम बढ़ा लिए हैं। वैसे वे इससे पहले ५ स्वर्ण के अलावा एक रजत पदक भी जीत चुकी हैं। पांच जजों ने मैरीकॉम के हक में २९-२८, ३०-२७, ३०-२७, ३० -२७, ३०-२७ से फैसला दिया।
इस तरह मैरीकॉम विश्व चैंपियनशिप के इतिहास की महानतम महिला बॉक्सर बनने से एक कदम दूर हैं। वे तीन बच्चों की मां हैं और उनकी उम्र भी ३५ साल है लेकिन वे जिस ताजगी से खेल रही हैं उसे देखकर लगता है कि उनकी उम्र भी उनके आगे पानी भर्ती है।
यह उनका सातवां फाइनल होगा। छठे विश्व खिताब से पहले मैरीकॉम ने कहा कि हर प्रतिद्वंदी कठिन होता है और वे फाइनल के लिए मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार हैं। मणिपुर की यह महान मुक्केबाज स्वर्ण पदक जीतती हैं तो वह रेकार्ड छह स्वर्ण जीतने वाली दुनिया की पहली महिला मुक्केबाज बन जाएंगी।
मैरी ने २००१ में हुई पहली महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रजत जीता था। इसके बाद २००२, २००५, २००६, २००८, २०१० में स्वर्ण जीते। आयरलैंड की दिग्गज कैटी और मैरी के एक समान पांच-पांच स्वर्ण हैं।
जीत के बाद फाइनल को लेकर मैरीकॉम ने कहा – ”मैं हना को देखूंगी और उनके खेल पर ध्यान दूंगी। फाइनल में मैं कोशिश करूंगी की जीत हासिल कर सकूं। यहां के दर्शकों ने भी मुझे बहुत समर्थन दिया है। मैं अपने साथ-साथ देश को भी गर्व करने का मौका दूंगी।”
उधर भारत की एक और मुक्केबाज लवलिना को ६९ किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की निएन चीन चेन ने ४-० से हरा दिया। लवलिना ने अच्छा खेला और चेन को कड़ी टक्कर दी।