कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है कि लखनऊ दौरे के दौरान यूपी पुलिस की महिला कर्मी ने उनका गला दबाने की कोशिश की। इससे पहले पूर्व पुलिस अधिकारी एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने के लिए निकलीं प्रियंका गांधी को लखनऊ में पुलिस ने १०९० चौराहे पर उनका काफिला रोक लिया।
प्रियंका गांधी पुलिस के काफिला रोके जाने के बाद पैदल चलने लगीं। कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि इसी दौरान पुलिस ने उनके साथ बदलसलूकी की। प्रियंका का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें रोकते हुए उनका गला दबाया और उन्हें पकड़कर धकेला गया। इससे वो जमीन पर गिर गईं।
इसके बाद प्रियंका पार्टी के एक कार्यकर्ता के साथ स्कूटी पर दारापुरी के परिवार से मिलने गईं। मीडिया से बात करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा – ”हमारा काफिला सड़क पर रोकने का कोई मतलब नहीं है। हम शांति से सब कुछ कर रहे थे। यह एसपीजी का नहीं बल्कि यूपी पुलिस का मुद्दा है।”
कांग्रेस ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। पार्टी का आरोप है कि विपक्ष पर वैसे ही दमनकारी तरीके अपनाये जा रहे हैं जैसे जनता के साथ। इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
इससे पहले प्रियंका गांधी ने लखनऊ में रैली की। इस दौरान उन्होंने एनआरसी और सीएए के मुद्दे पर मोदी सरकार पर जबरदस्त हमला बोला। रिपोर्ट्स के मुताबिक इसी दौरान एक मौके पर प्रियंका गांधी की सुरक्षा हेरा तोड़कर एक शख्स ने सेंध लगा दी। तुरंत हरकत में आकर प्रियंका के पास खड़े सुरक्षाकर्मी ने उस व्यक्ति को रोकने की कोशिश की। हालांकि प्रियंका ने ऐसा करने से मना कर दिया और उस शख्स से बात की। आखिर में प्रियंका ने उससे हाथ भी मिलाया।
इससे पहले रैली में प्रियंका ने देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ यूपी की हाजपा सरकार पर करारा हमला बोला और कहा कि ”जिन्होंने आजादी के आंदोलन में कोई योगदान नहीं दिया, आज वे देशभक्त बनकर देश में भय फैला रहे हैं।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि ”एक दमनकारी विचारधारा है, आज भी हम उसी से लड़ रहे हैं, जिससे हम आजादी के समय लड़े थे। जिन्होंने आजादी के संघर्ष में कोई योगदान नहीं दिया वे देशभक्त बनकर देशभर में भय फैलाना चाहते हैं। देशभक्ति के नाम पर लोगों को डराया जा रहा है।”