केंद्र सरकार ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए उन छात्रों को बड़ी राहत दी है, जो मेडिकल के क्षेत्र में जाना चाहते हैं। अन्य पिछली जाति यानी ओबीसी के लिए अब मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए 27 फीसदी आरक्षण लागू करने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही गरीब सवर्णों के लिए भी दस फीसदी सीटें आरक्षित होंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, हमारी सरकार ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट मेडिकल/ डेंटल कोर्स यानी एमबीबीएस, एमडी, एमएस, डिप्लोमा, बीडीएस और एमडीएस के लिए ऑल इंडिया कोटा यानी एआईक्यू स्कीम में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण प्रदान करने का एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
इसी मामले को लेकर गत 26 जुलाई को एक अहम बैठक हुई थी, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में केंद्रीय मंत्रालयों को इस मुद्दे के समाधान का निर्देश दिया था। जिसके बाद ओबीसी और ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवारों के लिए ये फैसला लिया गया। इस निर्णय से हर साल एमबीबीएस में लगभग 1500 ओबीसी छात्रों और पोस्ट ग्रेजुएट में 2500 ओबीसी छात्रों के साथ ही एमबीबीएस में करीब 550 ईडब्ल्यूएस छात्रों और पीजी में करीब 1000 गरीब सवर्ण छात्रों को दाखिला मिल सकेगा।
सरकार का ये यह फैसला प्रत्येक वर्ष देश के हजारों युवाओं को बेहतर मौका प्रदान करने में मदद करेगा और हमारे देश में सामाजिक न्याय के क्षेत्र में एक प्रतिमान स्थापित करेगा। इससे पहले तमिलनाडु में हाईकोर्ट ने मेडिकल सीटों में दाखिले में ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार से सुनवाई मामले में अपना पक्ष रखने को कहा था।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हुई एक बैठक में लंबे समय से लंबित इस मुद्दे के प्रभावी समाधान का संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों को निर्देश दिया था। मेडिकल अभ्यर्थियों की ओर से चिकित्सा शिक्षा के अखिल भारतीय कोटे में ओबीसी आरक्षण देने की लंबे समय से मांग की जा रही थी।