अब जबकि लोक सभा चुनाव २०१९ के नतीजे आने में सिर्फ दो दिन का वक्त बचा है,
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय में एक हलफनामा दाखिल कर आय से अधिक संपत्ति मामले में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव को बहुत बड़ी राहत देते हुए ”क्लीन चिट” दे दी है। राजनीतिक हलकों में इस फैसले के बाद कई तरह की चर्चा शुरू हो गयी है।
मंगलवार को सीबीआई ने शीर्ष अदालत को बताया कि समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, उनके बेटों पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और प्रतीक यादव, पुत्रवधु और सांसद डिंपल यादव के खिलाफ कथित आय से अधिक संपत्ति की जांच, कोई सबूत नहीं मिलने के बाद २०१३ में बंद हो चुकी थी। अपने ताजा हलफनामे में सीबीआई ने कहा – ”जांच के दौरान पहली नजर में कोई सबूत नहीं मिला और जांच प्राथमिकी में नहीं बदली जा सकी।”
अपने हलफनामे में सीबीआई ने कहा कि उसने २०१३ में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को रिपोर्ट सौंपने के बाद जांच बंद कर दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक
सीबीआई ने अदालत को बताया कि अगस्त २०१३ के बाद से मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के खिलाफ कोई जांच नहीं की गई।
सीबीआई ने कहा कि उसने २०१३ में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को रिपोर्ट सौंपने के बाद जांच बंद कर दी थी। सीबीआई ने अदालत को बताया कि अगस्त २०१३ के बाद से मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के खिलाफ कोई जांच नहीं की गई।
मुलायम-अखिलेश को सीबीआई की ”क्लीन चिट”
चुनाव नतीजों से दो दिन पहले सीबीआई ने कहा, कोइ सबूत नहीं मिला