महाराष्ट्र के मुम्बई के भांडुप में सावित्री बाई फुले अस्पताल में पिछले तीन दिन में ‘सैप्टिक शॉक’ नामक रोग से पीड़ित आईसीयू में दाखिल 4 नवजात बच्चों की मौत हो गयी है। इस रोग से भंडारा और नासिक में भी बच्चों के पीड़ित होने खबर है। इस बीच भांडुप में सावित्री बाई फुले अस्पताल में लापरवाही के आरोप लगने के बाद सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया है कि संबधित अस्पताल के मेडिकल अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है और और जो भी गड़बड़ी हुई है उस पर जांच बैठा दी गई है।
इस मसले को लेकर महाराष्ट्र में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में बीएमसी अस्पताल में हुई घटना पर गंभीर सवाल उठाए। अभी तक की जानकारी के मुताबिक भांडुप में सावित्री बाई फुले अस्पताल में पिछले तीन दिन में आईसीयू में दाखिल 4 बच्चों की मौत हो चुकी है और इसका कारण सेप्टिक शॉक नामक समस्या है।
विपक्ष इसे लेकर सरकार हमलावर है। जानकारी के मुताबिक ऐसी घटनाएं नासिक और भंडारा में भी हुई हैं। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने अस्पतालों में लापरवाही के आरोप लगाते हुए इसे ”सरासर बच्चों का खून” करना बताया है। एनएसआईसी में दाखिल बच्चों को यह समस्या बताई गयी है।
फडणवीस ने सदन में कि बीएमसी देश की नहीं एशिया की सबसे धनी महानगर पालिका है, साथ ही मौजूदा समय में बीएमसी का बैंकों में 50 हजार करोड़ से ज्यादा डिपॉजिट है। उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने इसपर क्या कारवाई की है, इसका जवाब दें। उन्होंने अडिशनल कमिश्नर को अब तक सस्पेंड क्यों नहीं किया।
भाजपा ने इस में मामले में आक्रामक होकर मुंबई मेयर के खिलाफ नारेबाजी भी की।
बाद में केबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मसले पर जवाब दिया कि संबधित अस्पताल के मेडिकल अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। जो भी गड़बड़ी हुई है उस पर जांच बैठा दी गई है।