एक बड़े फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने गुरूवार को मुज़्ज़फरनगर शेल्टर होम मामले को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है। बच्चों से वहां हुए अपराध और बिहार सरकार के वकील की तरफ से कोर्ट में जानकारियां उपलब्ध न करवाने से खफा प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बहुत नाराजगी जताते हुए छह महीने के भीतर इस शेल्टर होम से जुड़े मामले को पूरा करने के निर्देश दिल्ली के साकेत पोस्को कोर्ट को दिए हैं, जहाँ यह मामला अब चलेगा।
न्यायालय में बेच ने बिहार सरकार के वकील से शेल्टर होम से जुडी तमाम जानकारी उपलब्ध न करवाने के बाद बहुत सख्त रुख दिखाते हुए इस मामले को दिल्ली तब्दील कर दिया। वकील से पूछा गया था कि बिहार के होम्स में कितने बच्चे हैं ? इनमें कितने लड़के और कितनी बालिकाएं हैं ? शेल्टर होम्स को दिए जाने वाले फंड और उसके खर्चे से जुडी जानकारी भी माँगी गयी थी, लेकिन बिहार सरकार के वकील की तरफ से इनपर कोइ भी संतोषजनक जवाब नहीं आया। इससे प्रधान न्यायाधीश बहुत नाराज हुए और उन्होंने इस मामले को तत्काल प्रभाव से दिल्ली तब्दील करने के निर्देश दिए।
प्रधान नयायाधीश ने अब निर्देश दिए हैं कि यह मामला अब साकेत की पोस्को कोर्ट में चलेगा और छह महीने के भीतर इसे पूरा करना होगा। साथ ही उन्होंने इस मामले में बिहार सरकार की काहिली पर उसे जमकर फटकार लगाई है। जस्टिस गोगोई ने साफ़ कहा कि जो भी इस मामले में जिम्मेवार हैं, वे बच नहीं सकेंगे।