उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने पिछले जनता दरबार में एक शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा के फरियाद पूरी सुने बिना ही उसे कस्टडी में लेने का हुक्मनामा सुना दिया था। अब मुख्यमंत्री की शिक्षिका पत्नी सुनीता रावत ने गुरू वार देर रात डालनवाला थाने में एक मुकदमा अपने कथित विरोधी पर दर्ज कराया है। यह कथित विरोधी हैं भाजपा के पूर्व कार्यकर्ता सुभाष शर्मा।
यह मुकदमा सुभाष शर्मा, निवासी औली रोड, रायपुर के खिलाफ है। एसएसपी निवेदिता कुकरेती अनुसार सुभाष शर्मा ने सोशल मीडिया के साथ ही प्रेस मुलाकात मेें सुनीता रावत की शैक्षिणक योग्यता पर सवाल उठाए थे। पिछली 30 जून को सुभाष शर्मा ने शिक्षा विभाग को कटघरे में लेते हुए कहा था कि सुनीता रावत की शिक्षा तय मानकों के अनुरूप नहीं है। उनकी योग्यता भी तदनुसार नहीं है। ऐसे में उनकी नियुक्ति गलत है।
शर्मा ने सोशल मीडिया, फेसबुक और कई दूसरे माध्यमों पर दावा किया था कि सुनीता रावत को यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के रहमोकरम पर टीचर की नौकरी मिली थी। उनके शैक्षणिक दस्तावेज भी फर्जी हैं।
अपनी तहरीर में सुनीता रावत ने लिखा है कि वे 1992 से शिक्षा विभाग में सेवारत हैं और वर्तमान में अजब-पुरकलां में तैनात हैं। इसके पहले वे गौडल, कालसी, और खिर्सूं पौड़ी गढ़वाल के स्कूलों में ड्यूटी निभाती रही हैं। उनकी छवि को धूमिल करने और शिक्षा विभाग के प्रति गलत माहौल बनाने की यह साजिश है।
पुलिस ने तत्काल सुभाष शर्मा के खिलाफ धारा 569, 504 और 66 आई टी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया हैं। पूरे मामले की तहकीकात की जिम्मेदारी इंस्पेक्टर डालनवाला राजीव के सिपुर्द की गई है। एसएसपी के अनुसार जांच पूरी होते ही कार्रवाई की जाएगी।