हाल ही में जारी वैश्विक धन प्रवासन समीक्षा (ग्लोबल वेल्थ माइग्रेशन रिव्यू) की रिपोर्ट से पता चलता है कि क़रीब 5,000 करोड़पतियों अर्थात् भारत के कुल एचएनआई में से दो फ़ीसदी ने 2020 में देश छोड़ दिया। भारत इस साल की सूची में सबसे ऊपर है, जबकि पिछले साल दूसरे स्थान पर था।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि जब रिपोट्र्स में इस तरह की ख़बरें आयीं कि एशिया के सबसे अमीर आदमी और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष मुकेश अंबानी लंदन जा रहे हैं, तो बहुत लोगों ने इसे सत्य माना। हालाँकि आरआईएल ने इन ख़बरों का खण्डन किया है।
6 नवंबर को जारी आरआईएल के बयान में कहा गया है कि एक अख़बार ने हाल ही में अंबानी परिवार के लंदन के स्टोक पार्क में आंशिक रूप से रहने की योजना के बारे में जो ख़बर छापी, उसने सोशल मीडिया में अनुचित अटकलों को जन्म दिया है। आरआईएल यह स्पष्ट करना चाहेगी कि चेयरमैन (अंबानी) और उनके परिवार की लंदन या कहीं और स्थानांतरित होने या रहने की कोई योजना नहीं है। रिलायंस समूह ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट्स एंड होल्डिंग्स लिमिटेड, जिसने हाल ही में स्टोक पार्क एस्टेट का अधिग्रहण किया है; स्पष्ट करना चाहती है कि विरासत सम्पत्ति के अधिग्रहण का उद्देश्य इसे एक प्रमुख गोल्फिंग और स्पोर्टिंग रिसॉर्ट के रूप में बढ़ाना है। यह अधिग्रहण समूह के तेज़ी से बढ़ते उपभोक्ता व्यवसाय को जोड़ेगा। साथ ही यह विश्व स्तर पर भारत के प्रसिद्ध आतिथ्य उद्योग के पदचिह्न का भी विस्तार करेगा।
बता दें कि मुकेश अंबानी अपने परिवार के साथ मुम्बई, महाराष्ट्र में 4,00,000 वर्ग फुट के अल्टामोंटे रोड निवास, एंटीलिया में रहते हैं। हाल में ख़बरें आयी थीं कि अंबानी परिवार से लंदन के बकिंघमशायर, स्टोक पार्क में 300 एकड़ के कंट्री क्लब को अपना प्राथमिक निवास बनाने की सम्भावना है। हालाँकि भले ही आरआईएल ने उनके लंदन में बसने की ख़बरों को नकारा है; लेकिन मुकेश ने लंदन में घर तो ख़रीदा ही है।
विदेश में ख़रीदी सम्पत्ति
इन ख़बरों के सच होने के कई कारण हैं। अंबानी परिवार ने इस साल की शुरुआत में स्टोक पार्क की सम्पत्ति 592 करोड़ रुपये में ख़रीदी थी। सम्पत्ति में 49 शयनकक्ष हैं। एक ब्रिटिश डॉक्टर की अध्यक्षता में एक अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा और अन्य लक्जरी सुविधाएँ हैं। इसमें कोई सन्देह नहीं है कि हाल ही में लंदन में ख़रीदे गये स्टोक पार्क एस्टेट के लिए अंबानी भारत से बाहर जा रहे थे; यह वास्तविक लग रहा था।
भारतीय हिन्दू व्यापारिक समुदाय के बीच एक रिवाज़ है कि वे अपने नये घरों में दीपावली मनाना पसन्द करते हैं। कई परिवारों के मामले में यह त्योहार परिवार के पहले निवास पर मनाया जाता है। यह एक प्रथा है, जो यह सुनिश्चित करने के प्रयासों का प्रतीक है कि धन की देवी या लक्ष्मी घर पर रहती है। लंदन स्थित नये घर में ही अंबानी परिवार द्वारा दीपावली मनाये जाने की अफ़वाह ने ही उनके लंदन बसने की ख़बरों को विश्वसनीय बनाया। लोगों ने ट्वीटर पर सवाल किया कि क्या अंबानी का लंदन निवास उनका स्थायी घर बन रहा है?
बड़े अमीर जा रहे विदेश
पहले भी ऐसी ख़बरें थीं कि सम्पन्न परिवार किसी दूसरे देश में नागरिकता या निवास के बदले बड़े निवेश के माध्यम से विदेश जा रहा है। सन् 2018 में वॉल स्ट्रीट पर मॉर्गन स्टेनली बैंक की एक रिपोर्ट ने भी संकेत दिया था कि सन् 2014 से 23,000 भारतीय करोड़पति देश छोड़ चुके थे। और अब वैश्विक धन प्रवासन समीक्षा की रिपोर्ट में कहा गया कि सिर्फ़ पिछले साल (2020 में) क़रीब 5,000 करोड़पति विदेश चले गये। अभी भारत 6,884 मोटी सम्पति वाले लोगों और 177 अरबपतियों का घर है। हैरानी इस बात की है कि भारत में कोरोना-काल में जब करोड़ों लोग धन-सम्पदा में कमज़ोर हुए, 40 नये अरबपति पैदा हुए।
हालाँकि भारत में निवेश द्वारा नागरिकता में रुचि हमेशा अधिक रही है; लेकिन महामारी के दौरान इसमें काफ़ी वृद्धि हुई है और आने वाले वर्षों में इसके बढऩे की उम्मीद है। विशेषज्ञ बताते हैं कि अमीरों का यह पलायन आंशिक रूप से मार्च, 2020 में संयुक्त राज्य अमेरिका के समान निवास-आधारित कर प्रणाली से नागरिकता-आधारित कर प्रणाली में जाने के लिए था।
अंबानी के मामले में पहले ही कुछ ख़बरों में बताया गया था कि वह इस साल दीपालली नये घर में मनाएँगे और मुम्बई व लंदन के घरों में आते-जाते रहेंगे। इस पर ट्वीटर पर लोगों ने आपत्ति की और कहा कि अंबानी का भारत से बाहर जाने का मतलब देश से पूँजी के बाहर जाने जैसा होगा। इस पर आरआईएल ने तुरन्त प्रतिक्रिया देकर ख़बरों को अफ़वाह बताते हुए उनका खण्डन किया।
दिलचस्प रूप से अंबानी का उदय एक दिलचस्प कहानी है और भारत के सबसे अमीर व्यक्ति का मानना है कि अगर उनके और बिल गेट्स जैसे कॉलेज छोडऩे वाले लोग लाखों अरब डॉलर की बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का निर्माण कर सकते हैं, तो कोई भी औसत भारतीय कर सकता है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने पाँच दशक पहले एक टेबल, कुर्सी और 1,000 रुपये के साथ रिलायंस की स्थापना की थी। यह पहले एक सूक्ष्म उद्योग बना। फिर एक छोटा उद्योग, फिर मध्यम और आज आप हमें बड़ा मान सकते हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने बात कुछ समय पहले माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला के साथ एक फायरसाइड चैट के दौरान कही थी। उन्होंने कहा था कहा था कि अपने स्टैनफोर्ड दिनों से स्टीव (बाल्मर) और बिल (गेट्स) को जानने के मामले में बहुत भाग्यशाली रहे हैं। उन्होंने कहा कि धीरूभाई अंबानी या बिल गेट्स और यही वह शक्ति है, जो भारत को दुनिया के बाक़ी हिस्सों से अलग करती है।
राजनीतिक दोषारोपण
सन् 2014 से दो राजनीतिक दलों-आम आदमी पार्टी और कांग्रेस द्वारा अंबानी परिवार पर हमले किये जा रहे हैं। सन् 2014 में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के फ़ैसले के कारण आरआईएल को देश में प्राकृतिक गैस की क़ीमत को दोगुना करके अप्रत्याशित लाभ के मामले में पूर्व तेल मंत्री वीरप्पा मोइली के साथ मुकेश अंबानी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने के लिए दिल्ली की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा को आदेश दिया था। ऐसे देश में जहाँ राजनीतिक दलों के साथ-साथ व्यापारियों की भी क़िस्मत बनती है, अंबानी का देश की मुख्य विपक्षी पार्टी के लिए राजनीति का केंद्र बनना चिन्ता का विषय है।
बम कांड
इस साल की शुरुआत में मुकेश अंबानी के मुम्बई स्थित आवास एंटीलिया के बाहर एक कार में 20 विस्फोटक जिलेटिन की छड़ें और एक धमकी भरा पत्र मिला था। कार के मालिक ठाणे के एक व्यवसायी मनसुख हिरेन के एक हफ़्ते बाद मृत पाये जाने के बाद मामला और जटिल हो गया। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी द्वारा मुम्बई के प्रसिद्ध मुठभेड़ विशेषज्ञ सचिन वाजे की गिरफ़्तारी से देश में और भी बड़ी लहर उठी। उन पर बम धमाकों का मास्टरमाइंड होने का आरोप था। गिरफ़्तार होने से पहले वाजे इस बम मामले में जाँच दल के प्रभारी थे।
अन्य मामले
सन् 2019 में आयकर विभाग की मुम्बई इकाई ने मुकेश अंबानी, उनकी पत्नी नीता अंबानी समेत पूरे अंबानी परिवार को नोटिस भेजा था। कथित तौर पर काला धन अधिनियम के तहत उनकी अघोषित विदेशी आय और सम्पत्ति के लिए यह नोटिस 28 मार्च, 2019 को दिये गये थे।