कोरोना वायरस के कहर के मामले में जहां महाराष्ट्र ने चीन को पीछे छोड़ दिया है, वहीं मुंबई में वुहान को भी पछाड़ दिया है। जहां राज्य में एक लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं, वहीं मुंबई में 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन इस बीच, माया नगरी में सोमवार से अनलाॅक की शुरुआत मुंबई की जान लोकल ट्रेन शुरू करने से हो गई है।
देश की आर्थिक राजधानी की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन सेवा की शुरुआत लाॅकडाउन के चलते 86 दिन के बाद सोमवार से फिर शुरू हुई। लोकल ट्रेन में सिर्फ जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को ही यात्रा करने की इजाजत दी गई है। इसके साथ ही सीमित ट्रेनें चलेंगी यानी मध्य रेलवे की 200 लोकल ट्रेनों और पश्चिम रेलवे की 120 लोकल ट्रेनें ही चलेंगी।
लोकल ट्रेन में फिलहाल पुलिसकर्मी, नर्स, डॉक्टर, नगर निगम के कर्मचारी, सफाईकर्मी, नगरपालिका के अन्य कर्मचारी और पत्रकार ही यात्रा कर पाएंगे। कोरोना से पहले सामान्य दिनों में मुंबई में करीब 2400 लोकल ट्रेनें चलती थीं। वहीं, पश्चिम रेलवे के चर्चगेट से दहानु रूट पर कुल 73 ट्रेनें चलेंगी। ये लोकल ट्रेनें सुबह 5.30 बजे से रात 11.30 बजे तक चलेंगी।
मध्य रेलवे की 200 लोकल में 100 अप रूट और 100 डाउन रूट पर चलेंगी। कुछ प्रमुख स्टेशनों पर इन लोकल ट्रेन को रोका जाएगा। साधारण यात्री लोकल में यात्रा नहीं कर पाएंगे। अगर संबंधित कर्मचारी सरकारी पहचान पत्र दिखाता है तो ही उसे टिकट मिलेगा।
पासधारक टिकटों की वैधता बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। कर्मचारियों को क्यूआर कोड आधारित ई-पास क जरिये स्टेशन तक जाने दिया जाएगा। हालंकि कंटेंमेंट जोन में रहने वालों को जाने की अनुमति नहीं होगी। लोकल ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए 1200 की क्षमता वाले डिब्बों में सिर्फ 700 लोगों को जाने की इजाजत होगी। रेलवे स्टेशन क्षेत्र में 150 मीटर तक कोई फेरीवाला और पार्किंग क्षेत्र नहीं होगा। प्रत्येक स्टेशन के बाहर इमरजेंसी सेवा की व्यवस्था की गई है।