गवर्नर से महाराष्ट्र में सरकार बनाने का न्योता मिलने के बाद शिवसेना सभी फ्रंट पर एक्टिव हो गई है। वह नहीं चाहती कि उसके हाथ से यह सुनहरा मौका जाए।
हालांकि सरकार बनाने के लिए शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस के सहयोग की ज़रूरत पड़ेगी ही। एनसीपी द्वारा बीजेपी से संबंध तोड़ने की शर्त पर गंभीरता से पहल करते हुए शिवसेना के केंद्र में एकमात्र मंत्री अरविंद सावंत ने ट्वीट कर अपने पद से रिजाइन दिया है। एनसीपी की शर्त के साथ साथ अब मामला कांग्रेस के समर्थन का भी है। शिवसेना को समर्थन देने से पहले एनसीपी शरद पवार चाहते हैं कि इस मसले पर कांग्रेस की एंटरिम चीफ सोनिया गांधी से हरी झंडी मिल जाए।
समर्थन के मसले पर सोनिया गांधी के निवास स्थान पर मीटिंग हुई है सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार समर्थन को लेकर कांग्रेस में पेच फंसा नजर आ रहा है या एक और महाराष्ट्र के 39 विधायकों ने पत्र लिखकर शिवसेना को समर्थन की मांग की है वहीं पर केरल कांग्रेस वा अन्य शिवसेना जैसे राइट विंग को पार्टी को अपना समर्थन देने का विरोध कर रहे हैं । फिलहाल शाम4 बजे तक एक और मीटिंग होने की खबर है। माना जा रहा है कि समर्थन का मुद्दा महाराष्ट्र के नेताओं पर छोड़ दिया जाएगा।
मुंबई में शरद पवार की कोर टीम मे भी शिवसेना के साथ सरकार बनाए जाने की सूरत में सरकार में उनकी ठोस भूमिका और पोस्ट को लेकर भी चर्चा की खबर है।
अजीत पवार को डिप्टी चीफ मिनिस्टर की भूमिका में देखा जा सकता है। क्योंकि बीजेपी से भी शिवसेना चीफ मिनिस्टर पद को लेकर ही अलग हुई थी इसलिए एनसीपी डिप्टी स्पीकर के तौर पर खुद को देख सकती है। लेकिन अब कांग्रेस को भी सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका मिलनी चाहिए इस बात पर भी चर्चा को भी हो सकती है। एक और डिप्टी सीएम की पोस्ट कांग्रेस को भी दी जा सकती है। फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
जहां एक और सरकार बनाने के लिए कांग्रेस एनसीपी और शिवसेना की मीटिंग लोगों का दौर जारी है वहीं राज्यपाल से सत्ता गठन पर असमर्थता बताने के जाहिर करने के बाद भी बीजेपी शांत नहीं बैठी है। केयरटेकर चीफ मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस के निवास स्थान पर मीटिंग चल रही है।
आज शाम 7:30 बजे तक शिवसेना को महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी मिलकर सरकार के गठन को लेकर अपनी स्थिति साफ करनी है। शिवसेना चीफ़ उद्धव ठाकरे कल दावा किया था कि इस बार चीफ मिनिस्टर की पालकी में शिवसैनिक ही बैठेगा। फिलहाल शिवसेना नेता संजय राउत ने बीजेपी पर एक और आरोप जड़ते हुए कहा कि बीजेपी महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन चाहती है इसलिए गवर्नर की तरफ से उन्हें कम समय दिया गया है। शिवसेना ने फिलहाल इस समय सीमा को बढ़ाने की मांग की है।
बीजेपी ने सरकार बनाने में असमर्थता जाहिर की और सरकार बनाने का न्योता सेकंड लार्जेस्ट पार्टी होने के नाते अब शिवसेना को मिला है। शिवसेना को 288 मेंं से56 सीटें मिली हैंं। सरकार बनाने के लिए 144 विधायकों की जरूरत है शिवसेना को 8 इंडिपेंडेंट और एक अन्य पार्टी के विधायक का समर्थन प्राप्त है कुल मिलाकर शिवसेना के पास 64 विधायक हैं शिवसेना को फिलहाल 80 विधायकों की जरूरत है यदि शिवसेना को एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 विधायकों का समर्थन मिल जाताा है तो तीनों पार्टियों की विधायकों की संख्या 162 हो जाती है।
यदि एनसीपी कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देती है तो
*पर्याय 1*
*शिवसेना : इंडिपेंडेंटस के समर्थन के साथ (64) + काँग्रेस (44) + एनसीपी (54) = 162 बविआ (3) + समाजवादी पार्टी (02) + स्वाभिमानी पार्टी (01) 162+06 = 168*
*बहुमत के लिए आंकड़ा – 145
*पर्याय 2*
* यदि एनसीपी समर्थन देती है और कांग्रेस तटस्थ रहती है तो फ्लोर में संख्या बल 288 – 44 = 224
शिवसेना : इंडिपेंडेंटस के समर्थन के साथ (64) +
एनसीपी (54)+ काँग्रेस समर्थक इंडिपेंडेंट (04) =
122
*बहुमत के लिए आंकड़ा – 123
मैजिकल फिगर है 145।
कुल सदस्य संख्या है 288।
बीजेपी के पास 105, शिवसेना के पास 56, एनसीपी के पास 54, कांग्रेस के साथ 44 और independent व अन्य मिलाकर 29