पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकारी नौकरियों के सृजन पर रोक लगाने के आदेश पर मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया है। राहुल ने शनिवार को एक अखबार की रिपोर्ट शेयर करते हुए ट्वीट किया, मोदी सरकार की सोच, मिनिमम गवर्नेंस, ज्यादातर संस्थानों का निजीकरण करना है। कोरोना तो बस बहाना है, सरकारी दफ्तरों को स्थायी स्टाफ से मुक्त बनाना है। युवा का भविष्य चुराना है और मित्रों को आगे बढ़ाना है। इसके साथ ही राहुल ने लोगों से इसके खिलाफ आवाज उठाने की भी अपील की।
दूसरी ओर, कांग्रेस ने भी नई नौकरियों के सृजन पर रोक लगाने के आदेश को जनविरोधी बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है। पार्टी नेता राजीव शुक्ला ने कहा, इस समय देश की आर्थिक स्थिति बहुत बुरी हालत में है। निजी क्षेत्र में तो छंटनी चल ही रही है, लेकिन सरकार ने अपनी नौकरियों पर भी रोक लगा दी है। इस देश के युवा कहां जाएंगे, उन्हें कहां नौकरियां मिलेंगी, वे क्या करेंगे?
गंभीर संकट के इस दौर से उबरने के लिए सरकार को एक कदम आगे बढ़कर आना चाहिए, जैसे दुनिया के बाकी देश कर रहे हैं। कांग्रेस मांग करती है कि सरकारी नौकरियों को लेकर सरकारी आदेश तुरंत वापस लिया जाए और ज्यादा से ज्यादा नौकरियां सृजित करने पर ध्यान दिया जाए। बता दें कि एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने नए पदों के सृजन पर रोक लगा दी है, साथ ही पुराने खाली पदों को फिलहाल नहीं भरने का आदेश जारी किया है।