जबरदस्त विरोध के बाद आखिर चुनाव आयोग ने मिजोरम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) शशांक को हटा दिया है। उनकी जगह आशीष कुन्द्रा को सूबे का नया मुख्य निर्वाचन अधिकारी (चीफ इलेक्ट्रल ऑफिसर) नियुक्त किया गया है। गौरतलब है कि २८ नवम्बर को राज्य विधानसभा चुनाव के लिए वोट पड़ने हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक शशांक के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहे थे। स्थानीय लोग उनके विरोध में थे। याद रहे मिजोरम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शशांक की शिकायत पर प्रिंसिपल सेक्रेटरी (गृह) ललनिनमाविया चुआंगो को हटाए जाने के बाद प्रदर्शनकारी पांच नवंबर तक हटाने और उन्हें राज्य से बाहर भेज देने की मांग कर रहे थे।
गौरतलब है कि मंगलवार को ही एजवाल में शशांक के दफ्तर के बाहर हजारों की संख्या में जुटे लोग उन्हें हटाने की मांग कर रहे थे। इसके बाद चुनाव आयोग की टीम जिनमें झारखंड के सीईओ ललबिक्थांगा खियांगटे, ईसी डायरेक्टर निखिल कुमा और ईसी सेक्रेटरी एसबी जोशी शामिल थे, ने मिजोरम एनजीओ कॉर्डिनेटिंग कमेटी और सिविल सोसायटी ग्रुप्स के साथ बातचीत की थी।
इसके बाद समन्वय समिति ने पिछले कल अपना प्रस्ताव दिया जिसमें चुनाव आयोग के अप्रैल, २०१४ की उस सहमति का जिक्र था जिसमें कहा गया था कि भविष्य में मिजोरम में किसी भी संसदीय और विधानसभा चुनाव में पड़ोसी त्रिपुरा के शरणार्थी शिबिरों में रह रहे लोगों को राज्य में ही वोट देने का अधिकार होगा। इसमें यह भी कहा गया था कि शशांक को उनके पद और राज्य से हटा दिया जाए।
याद रहे शशांक ने चुआंगो पर मिजोरम में ब्रू शरणार्थियों की मतदाता सूची में रिविजन को लेकर दखल देने का आरोप लगाया था। ब्रू शरणार्थी १९९७ में हुई जातिय हिंसा के बाद से ही त्रिपुरा के राहत शिविरों में रह रहे हैं। राज्य सरकार समेत मिजोरम के लोगों ने चुनाव आयोग के इस प्रस्ताव का विरोध किया जिसमें ब्रू को कैम्प में ही वोट देने की इजाजत और उनकी मिजोरम में वापसी की बात कही गयी थी।